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छत्तीसगढ़ के एक गांव में घोर नक्सल अज्ञात बीमारी का प्रकोप से 61 आदिवासियों की मौत, कई बीमार, चढ़ा सियासी पारा, सूचना के बाद प्रशासन अलर्ट मोड.

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के रेगड़गट्टा गांव में 61 आदिवासियों की मौत हो गई है. इसी गांव के दो दर्जन से ज्यादा लोग बीमार हैं. सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और हालात का जायजा लिया. बीमार ग्रामीणों को इलाज के लिए जिला मुख्यालय कोंटा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बीमार 2 लोग ठीक हो चुके हैं. इस गांव में बीमारी से मौत के ग्रामीणों के दावे की भी जांच की जा रही है. पता लगाया जा रहा है कि आखिर किस बीमारी की वजह से ग्रामीण की मौत हुई है.

स्वास्थ्य विभाग ने गांव के हैंडपंपों की जांच करवाई. 2 हैंडपंप में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा पाई गई. ऐसे हैंडपंप को सील कर दिया गया है. तबीयत असहज महसूस होने पर ग्रामीणों को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी गई है.

सुकमा के रेगड़गट्टा में ग्रामीणों की मौत पर सियासत भी तेज हो गई है. बीजेपी के 2 पूर्व मंत्री अपने समर्थकों के साथ रेगड़गट्टा गांव के लिए बीते गुरुवार को निकले, लेकिन पुलिस ने उन्हें कोंटा में ही रोक लिया. पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने आरोप लगाया कि आदिवासियों की मौतें सरकार के लिए सिर्फ आंकड़े हैं. हम लोग वहां जाना चाहते थे और वहां के हालात को देखना चाहते थे, लेकिन पुलिस प्रशासन ने जाने की अनुमति नहीं दी. फिर भी हमारा स्थानीय प्रतिनिधि मंडल जरूर जाएगा.

पूर्व मंत्री केदार कश्यप व लता उसेंडी एक दिवसीय दौरे में कोण्टा पहुंचे. रेगड़गट्टा नहीं जाने देने का उन्होंने विरोध किया. इसके साथ ही यहां उन्होंने कोण्टा के बाढ़ प्रभावित लोगों से मिलकर चर्चा की और जायजा लिया. प्रभावित लोगों ने बाढ़ से होने वाली परेशानियों को बताते हुए जमीन देने की मांग की. साथ भी वहां पर तेंदुपत्ता भुगतान नही होने की शिकायत लेकर काफी संख्या में ग्रामीण पहुँचे थे. जिसके बाद रैली की शक्ल में मुख्य चौराहे पर पहुंचे और वहां पर चक्क जाम कर दिया और सरकार के विरोध में नारेबाजी की.

 

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