कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ना यानी दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ना। इसलिए जरूरी है कि इसके लेवल को नियमित रूप से चेक करवाते रहें।
खासकर अगर आप दिल की बीमारी या डायबिटीज के मरीज हैं।
कोलेस्ट्रॉल के कुछ संकेत आपका शरीर भी आपको देता है। आज हम उन्हीं लक्षणों के बारे में जानेंगे जिनकी मदद से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का पता लगाने में मदद मिलती है।
कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का फैट होता है, जो एक सीमित मात्रा में हमारे शारीरिक फंक्शन के लिए जरूरी होता है।
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हमारा लिवर कोलेस्ट्रॉल बनाता है, ताकि हमारे शरीर के जरूरी फंक्शन्स के लिए फैट मिल सकें, लेकिन हमारे खान-पान से भी हमें कोलेस्ट्रॉल मिलता है।
ऐसे में डाइट में लापरवारी बरतने की वजह से कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ सकता है, जो जानलेवा भी साबित हो सकता है।
आपको बता दें, कि कोलेस्ट्रॉल ज्यादा मात्रा में होने की वजह से ब्लड वेसल्स में प्लेग इकट्ठा होने लगता है।
धीरे-धीरे यह बढ़ता जाता है और आर्टरीज ब्लॉक हो जाती है। इसके कारण दिल की बीमारियों या हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है, जो जानलेवा भी हो सकता है।
इसलिए शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ रही है, यह वक्त पर पता लगाना बेहद जरूरी है।
कोलेस्ट्रॉल होने पर हमारा शरीर हमें कुछ संकेत देता है, जिनकी मदद से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने का पता लगाया जा सकता है और वक्त रहते इसका इलाज भी हो सकता है। आइए जानते हैं क्या हैं हाई कोलेस्ट्रॉल होने के संकेत।
कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होने के लक्षण : हाई ब्लड प्रेशर- कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की वजह से आर्टरीज में ब्लड फ्लो में रुकावट होने लगती है।
इसकी वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या हो सकती है। इसलिए अगर आपका बीपी अचानक ही बढ़ने लगा है या कंट्रोल नहीं हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
त्वचा पर पीले धब्बे : कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा होने की वजह से स्किन पर पीले रंग के पैचेज दिखने शुरू हो जाते हैं।
यह ज्यादातर चेहरे या आंखों के आस-पास देखने को मिलते हैं।
पीले स्पॉट्स : कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने के कारण त्वचा पर पीले रंग के स्पॉट्स नजर आ सकते हैं, जो छूने पर हार्ड महसूस होते हैं। ये ज्यादातर गाल पर या आंखों के आस-पास नजर आते हैं।
पेरिफरल आर्टरी डिजीज : शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने की वजह से, वह आर्टरीज में कहीं भी इकट्ठा हो सकते हैं।
कई बार ये पैरों की आर्टरीज को ब्लॉक करने लगते हैं, जिसके कारण पैरों तक ठीक से ब्लड फ्लो नहीं हो पाता है। इसकी वजह से पैरों में झनझनाहट, रंग में परिवर्तन, दर्द जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
सीने में दर्द : कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की वजह से आर्टरीज में हुई ब्लॉकेज की वजह से दिल तक सही तरीके से खून नहीं पहुंच पाता है और इसके कारण सीने में दर्द या जकड़न जैसा महसूस हो सकता है।
थकान : ब्लड फ्लो ठीक से न होने की वजह से शरीर के अंगों तक सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता। इसके कारण अक्सर थकान जैसा महसूस हो सकता है।
तनाव : कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने की वजह से हमारे शरीर में कॉर्टिसोल ज्यादा मात्रा में रिलीज होता है। इसके कारण स्ट्रेस हो सकता है या आप ज्यादा परेशान महसूस करते हैं।