कैसे होता है भारत में X,Y,Z और Z+ सुरक्षा का घेरा : आप सबने ही कभी न कभी X, Y, Z और Z प्लस सुरक्षा जैसे शब्दों को अक्सर ही सुना होगा. ये कुछ नागरिकों को दी जाने वाली सुरक्षा प्रणाली है जिनकी जान को असामाजिक तत्वों से भारी खतरा है. हर भाग किसी भी व्यक्ति की तैनात सुरक्षा में कर्मियों की संख्या के बारे में बताता है.भारत में उन व्यक्तियों को सुरक्षा दी जाती है जो हाई-रिस्क की कैटेगरी में आते हैं. पुलिस और स्थानीय सरकार खास व्यक्तियों पर मौजूद खतरे का आकलन कर उन्हें सुरक्षा देती है मगर इसका आदेश गृह मंत्रालय की तरफ से जारी होता है।
Z+ सबसे बड़े लेवल की सुरक्षा श्रेणी होती है जिसमें कुल 55 सुरक्षा कर्मी को जीवन की रक्षा के लिए तैनात किया जाता है. ये सभी केंद्र सरकार द्वारा कराई जाती हैं. खतरे के स्तर का आकलन करने के बाद केंद्र वीआईपी, वीवीआईपी, अभिनेता, मनोरंजनकर्ता और यहां तक कि एथलीटों को भी एक खास सुरक्षा मुहैया कराता है.खतरे के आकलन के बाद किसी को चार अलग-अलग सिक्योरिटी कवर में से किसी एक के तहत सुरक्षा देने का फैसला किया जाता है जिनमें Z+, Z, Y और X कैटेगरी आती हैं।
Z+ सबसे मजबूत
Z+ कैटेगरी का सिक्योरिटी कवर सबसे मजबूत सिक्योरिटी कवर है. इसमें 36 सुरक्षाकर्मी होते हैं और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) कमांडो सुरक्षा घेरे में मौजूद रहते हैं. हर कमांडो मार्शल आर्ट और बिना हथियार के लड़ाई में माहिर होता है. इस समय देश में सिर्फ 10-17 लोगों को ही इस प्रकार का सिक्योरिटी कवर मिला हुआ है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जैसी हस्तियां शामिल हैं।
Z कैटेगरी के तहत सिक्योरिटी दी जाती है। इस प्रकार के सिक्योरिटी कवर में 22 सुरक्षा कर्मियों का कवर होता है। इस कवर में 4 या फिर 5 एनएसजी कमांडो के अलावा पुलिस कर्मी शामिल होते हैं। सिक्योरिटी कवर में सीआरपीएफ कर्मियों के अलावा एक सुरक्षा वाहन भी होता है। भारत में बाबा रामदेव समेत कुछ एक्टर्स को इस प्रकार की सिक्योरिटी मिली हुई है।
Y कैटेगरी के तहत व्यक्ति 11 सुरक्षाकर्मियों से घिरे होते हैं जिनमें एक या दो कमांडो के अलावा पुलिस कर्मी शामिल होते हैं। Y कैटेगरी तीसरे स्तर का सुरक्षा घेरा होता है. X कैटेगरी देश में सबसे निचले स्तर का सुरक्षा कवर होता है. इसमें सिर्फ दो पुलिसकर्मी सुरक्षा में तैनात रहते हैं और कोई भी कमांडो नहीं होता है. इन सबके अलावा प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों को स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) सिक्योरिटी कवर दिया जाता है।

