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"गृहमंत्री अमित शाह ने ITBP स्थापना दिवस पर किया ड्रोन का उद्घाटन"

The Home Minister said, "When the countrymen light lamps during Diwali, a lamp is also lit at the border for the brave soldiers."

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विगत शुक्रवार को उत्तराखंड के देहरादून में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के 62वीं स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया।

कार्यक्रम के दौरान गृहमंत्री ने जवानों के लिए सेल्फ सस्टेनेबल एनर्जी बिल्डिंग और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित (बॉर्डर ऑब्जरवेशन पोस्ट) पर सब्जियों, दवाओं और अन्य ज़रूरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए ड्रोन का लोकार्पण किया।

गृह मंत्री ने ITBP के 147 शहीदों पर बनी फ्लिप बुक को भी लांच किया। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विगत शुक्रवार को उत्तराखंड के देहरादून में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के 62वीं स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया।

कार्यक्रम के दौरान गृहमंत्री ने जवानों के लिए सेल्फ सस्टेनेबल एनर्जी बिल्डिंग और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित (बॉर्डर ऑब्जरवेशन पोस्ट) पर सब्जियों, दवाओं और अन्य ज़रूरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए ड्रोन का लोकार्पण किया।

भारत अपनी भूमि सीमा 7 देशों के साथ साझा करता है। शाह ने कहा कि ITBP ने 6 दशकों की अपनी अनवरत सेवा में 7 पदम श्री, 02 कीर्ति चक्र, 6 शौर्य चक्र, 19 राष्ट्रपति पुलिस पदक,14 तेनजिंग नोर्गे एडवेंचर पदक और कई अन्य पदक आईटीबीपी ने प्राप्त किए हैं, जो इस बल के शौर्य और बलिदान के प्रतीक हैं।

वाइब्रेंट विलेज प्रोजेक्ट शाह ने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने वाइब्रेंट विलेज प्रोजेक्ट की नई अवधारणा रखी है। पहले सीमा पर स्थित गांव को देश का अंतिम गांव कहा जाता था, परंतु प्रधानमंत्री मोदी ने इन गांवों को अंतिम नहीं देश का पहला गांव बताया।

शाह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने इस कार्यक्रम के पहले चरण में 19 जिलों में 46 ब्लॉक के 662 गांवों के लिए 4800 करोड़ रुपए के बजट से बिजली, सड़कें,रोजगार,स्किल डेवलपमेंट, शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने का काम किया है।

अमित शाह ने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा हिमवीरों की जिम्मेदारी है, लेकिन अगर ये सीमावर्ती गांव खाली हो जाएंगे तो इस काम में बहुत दिक्कतें आएंगी।

शाह ने बताया सालभर में 168 अनकनेक्टेड गांव सड़क,बिजली, दूरसंचार और स्वास्थ्य सेवाओं से भी जुड़ जाएंगे। गृह मंत्री ने कहा कि सीमाओं पर सुविधाओं के विकास के बिना देश सुरक्षित नहीं रह सकता।

सीमा विकास के लिए बढ़ाया खर्च उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा सुविधाओं के विकास पर 2014 से पहले औसतन प्रतिवर्ष 4000 करोड़ रुपए खर्च होता था, जिसे प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 9 सालों में बढ़ाकर औसतन 12340 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने सीमा पर रोड, बीओपी बनाने, जवानों को सुविधाएं देने और गांवों को सुविधायुक्त बनाने के लिए तीन गुना खर्च बढ़ाया है।

शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने इस दुर्गम क्षेत्र में 350 से ज्यादा पुल और पुलिया बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जवानों के कल्याण के लिए सरकार ने विगत 9 सालों में कई योजनाएं बनाई हैं।

गृह मंत्री ने ITBP के 147 शहीदों पर बनी फ्लिप बुक को भी लांच किया। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और ITBP के महानिदेशक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

गृहमंत्री ने कहा कि देशवासी जब दीपावली के अवसर पर अपने घर में दीपक जलाते हैं,तब वे एक दीपक सीमा पर तैनात हमारे वीर जवानों के लिए भी जलाते हैं।

उन्होंने कहा कि देश की 130 करोड़ जनता पूरे दिल से वीर जवानों के त्याग, बलिदान, साहस और शौर्य का सम्मान करती है।

आईटीबीपी के 62 वर्ष केन्द्रीय मंत्री ने कहा हमारे हिमवीरों ने पिछले 62 वर्षों से शौर्य दृढ़ता और कर्मनिष्ठा के ध्येय वाक्य के साथ भारत की दुर्गम सीमाओं को सुरक्षित रखा है, उन्होंने कहा कि माइनस 45 डिग्री तापमान में देश की अग्रिम सीमा पर चौकन्ना रहकर उसकी सुरक्षा करना और जरूरत पड़ने पर सर्वोच्च बलिदान देने से भी पीछे ना हटना ITBP की परंपरा रही है।

शाह ने कहा कि 62 साल पहले 7 वाहिनियों के साथ शुरू हुआ ITBP आज एक लाख हिमवीरों, 60 वाहिनियों, 17 प्रशिक्षण केन्द्रों, 16 सेक्टर, 5 फ्रंटियर और 2 कमांड मुख्यालयों के साथ एक मज़बूत बल के रूप में उभरा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हिमवीरों की मांग को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने वायुयान और रेल में सेना की तर्ज पर देश के केन्द्रीय सशस्त्र पुलस बलों (CAPFs) का भी कोटा तय कर दिया है।

सेल्फ सस्टेनेबल एनर्जी बिल्डिंग अमित शाह ने कहा कि सेल्फ सस्टेनेबल एनर्जी बिल्डिंग (SSEB) अहम है, क्योंकि 17,000 फ़ीट की ऊंचाई पर बनी ये बिल्डिंग ठंडे मरूस्थल में आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक बनेगी।

उन्होंने कहा कि ये बिल्डिंग भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से हिमवीरों को दीवाली की एक अनूठी भेंट है। गृहमंत्री ने कहा कि जब यहां बाहर का तापमान शून्य से 40-45 नीचे चला जाता है और पेट्रोल या डीज़ल का उपयोग नहीं हो पाता है, ऐसे में ये बिल्डिंग 18-19 डिग्री तापमान में जवानों को सुरक्षित रखेगी।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों और ऊँचाई पर स्थित BOP (बॉर्डर ऑब्जरवेशन पोस्ट) पर सब्जियों, दवाओं और अन्य ज़रूरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए ड्रोन सेवा ना सिर्फ हमारे हिमवीरों बल्कि सीमावर्ती गावों की जनता के लिए भी लाभदायी सिद्ध होगी।

गृहमंत्री ने कहा कि भारत की 7516 किलोमीटर लंबी तटीय और 15000 किलोमीटर से अधिक भूमि सीमा है।

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