उत्तराखंड में गरीब कैदियों के लिए एक नई योजना की शुरुआत हो रही है, जिसका उद्देश्य आर्थिक तंगी के कारण उन्हें जमानत या जुर्माने की राशि नहीं दे पाने वाले कैदियों को मदद पहुंचाना है।
भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा कैदियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई ‘गरीब कैदियों को सहायता योजना’ जल्द उत्तराखंड में प्रभावी होगी और इसके लिए जनपदों में जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में सशक्त समिति का गठन करने के आदेश जारी किए हैं।
इस योजना का नाम ‘गरीब कैदियों को सहायता योजना’ है, और इसके लिए उत्तराखंड में सशक्त समितियों का गठन किया जा रहा है।
योजना के तहत, गरीब कैदियों को उनकी आर्थिक स्थिति के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
यह योजना उन कैदियों के लिए है जो जमानत राशि या जुर्माना नहीं दे पा रहे हैं या जो जेल से रिहा नहीं हो पा रहे हैं आर्थिक समस्याओं के कारण।
इस समिति का मुख्य कार्य यह होगा कि वे कैदियों की आर्थिक स्थिति को मूल्यांकन करें और उन्हें जमानत या जुर्माने की राशि तय करें, और धनराशि की आवश्यकता का निर्णय लें।
ऐसे गरीब कैदियों, जो आर्थिक तंगी के कारण उन पर लगाये गए जुर्माने को अदा न कर पाने अथवा जमानत राशि वहन न कर पाने के कारण जेल से रिहा नहीं हो पा रहे हैं, को वित्तीय सहायता प्रदान किये जाने हेतु गृह मंत्रालय, भारत सरकार ‘गरीब कैदियों को सहायता योजना’ प्रारंभ की गई है।
मुख्यमंत्री धामी ने इस योजना को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिए थे, और उनके निर्देशों के बाद अपर मुख्य सचिव ने इसे लेकर आदेश जारी किए हैं।
योजना को लागू करने के लिए प्रत्येक जिले में सशक्त समितियों का गठन किया जा रहा है, और इसमें जिला मजिस्ट्रेट के रूप में एक अध्यक्ष शामिल होंगे।
समिति में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, वरिष्ठ कारागार अधीक्षक/कारागार अधीक्षक, और जनपद न्यायाधीश भी शामिल होंगे।
समिति इसके लिए ब्यूरो द्वारा गठित अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के साथ काम करेगी, और धनराशि को निर्धारित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेगी।
यह समिति भी एक नोडल अधिकारी नामित करेगी और सामाजिक संस्था, समाज सेवक, और जिला प्रोबेशन अधिकारी से सहयोग प्राप्त करेगी, ताकि गरीब कैदियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने में मदद मिले।
‘गरीब कैदियों को सहायता योजना’ की शुरुआत उत्तराखंड में गरीब कैदियों के लिए एक नई आशा है, और यह योजना उनके लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने में मदद करेगी। इससे न केवल कैदियों को आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि यह उन्हें समाज में फिर से समाहित करने में भी मदद करेगी।

