लाभार्थी अपने उपचार पर फीडबैक भी देंगे। एसएचए ने इस संबंध में सभी अस्पतालों को निर्देश जारी किया है।
गौरतलब है कि हाल ही में आयुष्मान योजना की चौथी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने एसएचए के अधिकारियों को योजना को जनकल्याण के लिए अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए थे।
उन्होंने कहा कि सभी सूचीबद्ध अस्पतालों में मरीजों का बेहतर इलाज किया जाए।
रावत ने कहा कि यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि मरीज को उसके इलाज पर होने वाले खर्च की जानकारी हो।
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उन्होंने कहा कि मरीजों को इलाज के दौरान किसी तरह की परेशानी न हो और इसके लिए उनसे फीडबैक लिया जाए।
रावत ने निर्देश दिए कि खर्च के बिलों पर मरीजों के हस्ताक्षर हों। उन्होंने कहा कि पैनल वाले अस्पतालों को अपने दावे के साथ एसएचए को मरीजों की प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
मंत्री के निर्देश पर एसएचए ने अस्पतालों से इस बात का सबूत देने को कहा है कि उन्होंने योजना के तहत मरीज का मुफ्त इलाज किया है।
और मरीज के अस्पताल में रहने के दौरान उसकी जांच, सर्जरी और दवाओं के लिए कोई पैसा नहीं लिया गया।
मरीजों को उनके कार्ड में प्रति वर्ष पांच लाख में से शेष राशि के बारे में सूचित किया जाएगा।