यशपाल आर्य ने कहा कि शिक्षा बजट 2.64 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है।
जबकि स्वास्थ्य बजट 2.2 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत कर दिया गया है।
आर्य ने दावा किया कि बजट में बढ़ती बेरोजगारी, किसानों की दुर्दशा और बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए कुछ भी नहीं है।
इस वर्ष कृषि, जनस्वास्थ्य, शिक्षा, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा, सामाजिक उत्तरदायित्व और जनकल्याण के लिए बजटीय आवंटन पिछले वर्षों की तुलना में कम किया गया है।
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जो गरीबों, किसानों, मजदूरों, दलितों और दलितों के लिए खतरे की घंटी है।