ग्रामीणों ने जेसीबी का रास्ता रोका.
आज वन विभाग की भूमि पर बने दो रिसॉर्ट को आज तोड़ा जाना है। इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बची नोकझोंक भी हुई। ग्रामीणों ने भारी हंगामा किया और धरने पर बैठ गए।
ग्रामीणों ने जेसीबी का रास्ता रोक दिया।
लेकिन प्रशासन और वन विभाग की सख्ती के बाद कुछ ग्रामीणों ने अवैध रिसॉर्ट की छत व लकड़ियों को सुरक्षित निकालने का काम खुद शुरू किया।
इसके लिए प्रशासन वन विभाग ने पूरी तैयारी की है लोक निर्माण विभाग की दो जेसीबी मौके पर बुलाई गई है।
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वहीं रिसॉर्ट तोड़े जाने की सूचना पर हाकम सिंह की पत्नी व स्वजन भी बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचे हैं।
मौके पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा है। लोग फिर से जांच करने की मांग कर रहे हैं।
हाईकोर्ट के आदेश पर एसडीएम कोर्ट ने पुन: हाकम सिंह रावत के सांकरी रिसॉर्ट की नाप-छाप के निर्देश दिए थे।
आठ सदस्यीय टीम नाप-छाप कर रही है।
सात तारीख तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
जिसके बाद अवैध रिसॉर्ट को ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया।
जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने इसकी पुष्टि की है।
आलीशान रिसॉर्ट सहित तीन भवन राजस्व भूमि पर किए चिन्हित.
पूर्व भाजपा नेता हाकम सिंह रावत के आलीशान रिसॉर्ट सहित तीन भवन राजस्व भूमि पर चिन्हित किए गए हैं।
जबकि दो भवन और 130 पेड़ों का सेब का बागीचा गोविंद वन्यजीव विहार राष्ट्रीय उद्यान की भूमि पर चिन्हित किया गया है।
राजस्व विभाग की 1.128 हेक्टेयर भूमि पर हाकम सिंह रावत ने भव्य रिसॉर्ट बनाया है।
जो सबसे अधिक चर्चाओं में भी रहा है।
इसके अलावा राजस्व भूमि पर हाकम सिंह रावत के दो अन्य भवन भी मिले हैं।
पार्क की 0.907 हेक्टेयर भूमि पर सेब का एक बड़ा बागीचा और दो भवन भी मिले।
दस वर्ष में हाकम सिंह रावत ने बनाए पांच रिसॉर्ट.
हाकम सिंह रावत ने सबसे पहले पत्नी के नाम पर दर्ज भूमि में एक भवन और एक कोठार बनाया।
वर्ष 2008-09 से अवैध निर्माण करना शुरू किया। वन विभाग की भूमि पर दो रिसॉर्ट तैयार किए।
जबकि राजस्व भूमि पर तीन रिसॉर्ट बनाए। इन रिसॉर्ट का निर्माण एक रात में नहीं हुआ है।
बल्कि पिछले 12 वर्षों के अंतराल में हुआ है। इन रिसॉर्ट को बनाने की न तो कहीं से अनुमति ली गई और न इनका कोई पंजीकरण किया। जो पूरी तरह से अवैध हैं।