जी-20 डेलिगेट्स ने देखी उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत सांस्कृतिक संध्या की शुरूआत राष्ट्रगान,और आध्यात्मिकता और तीर्थाटन के प्रस्तुतीकरण में हुई ।
जहां योग, गंगा आरती दर्शन, चारधाम तीर्थ यात्रा, महासू देवता वंदना तथा स्थानीय देवी-देवताओं की देव डोलियों का प्रस्तुतीकरण दिया गया।
वहीं सांस्कृतिक विरासत में गढ़वाली, कुमाऊनी व जौनसारी संस्कृति दर्शाते आयोजन ने समा बांध दिया।
विभिन्न देशों से जी-20 बैठक में आये डेलिगेट्स उत्तराखंड की देवभूमि की विशिष्ट परंपरा, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक उत्कृष्टता को निहारते हुए बेहद उत्साहित नज़र आये।
एक तरफ जहां पहाड़ का रंग उमंग बिखेर रहा था वहीं देश की संस्कृति की सबसे बड़ी प्रेरणा (वसुधैव कुटुंबकम) की बेहतरीन झलक दिखी।