सावन का महीना चल रहा है। ऐसे में शिवभक्त अपने-अपने हिसाब से भगवान भोले को खुश करने में लगे हुए हैं। कई भक्त उपवास रखकर सावन का महीना मनाते हैं।
क्या आप जानते हैं कि ऐसे में व्रत के दौरान लोगों को चक्कर आना, कमजोरी जैसी समस्याएं आ सकती है।
अक्सर व्रत के दौरान लोगों को कमजोरी का अनुभव होने लगता है। ऐसा इसलिए होता है कि हम अपने भोजन में ऐसी चीजें शामिल करना भूल जाते हैं, जो हमें पूरे दिन एनर्जी देती है। हालांकि, उपवास धार्मिक कारणों के साथ-साथ शरीर के लिए भी फायदेमंद होता है।
जानकारी के अनुसार,, फास्टिंग करना शरीर के लिए हर तरीके से फायदेमंद है। फास्टिंग के बारे में कहा जाता है कि यह आध्यात्मिक रूप से तो शरीर के लिए बेहतर होता ही है, शरीर की गंदगी को भी साफ करता है।
वैसे तो हर व्यक्ति को सप्ताह में एक बार फास्टिंग जरूर करनी चाहिए। फास्टिंग में कहा जाता है कि आप सात्विक भोजन ही लें, इसके पीछे यह कारण है कि इससे आपका ऑरा क्लीन रहता है, जिससे आपका मन सकारात्मक चीजों में लगा रहता है। फास्टिंग मेडिटेशन में भी मदद करती है।
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उपवास कई तरह के होते हैं, जो केवल जल, फल या एक समय का भोजन रखकर भी किए जाते हैं। यह सभी तरह की फास्टिंग शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद रहती है।
फास्टिंग के दौरान शरीर आराम कर रहा होता है। ऐसे में डिटॉक्स होने के साथ शरीर हमारी आंत की सफाई कर रहा होता है।
फास्टिंग हमें कई खतरनाक बीमारियों से भी बचाती है, जिसमें हाई कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग, हाई बीपी जैसी बीमारियां शामिल हैं।
फास्टिंग में आपको कमजोरी का अनुभव नहीं हो इसके लिए आपको फल, बादाम, अंजीर, अखरोट और मखाने जैसी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
इसके साथ ‘बनाना शेक’ भी आपको पूरे दिन एनर्जी देगा। प्रोटीन और कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए दूध और डेयरी से बनी चीज खाना सही है।