उत्तराखंड की राजनीति में सर्वाधिक अत्याप्रत्याशित नेता माने जाने वाले पूर्व काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत कोई नई सियासी खिचड़ी तो नहीं पका रहे हैं? बीते रोज महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से गोपनीय मुलाकात के बाद हरक में आई अत्यधिक तेजी इसके संकेत भी दे रही है।
दो दिन से हरक पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समर्थक कैंप की कमान संभाले हुए हैं और खुलकर पूर्व सीएम हरीश रावत पर और परोक्ष रूप से प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा व नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य पर सवाल उठा रहे हैं। बीते रोज देहरादून में प्रीतम समर्थकों के साथ बैठक कर चुके हरक आज पूरी टीम के साथ हरिद्वार में रहे।
वहां वरिष्ठ कांग्रेस नेता ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के जयराम आश्रम में भी हरक ने दून मे कही बातें ही दोहराई हैं। मालूम हो कि बीते रोज सुबह सुबह कोश्यारी से मुलाकात के बाद ही हरक ने प्रीतम कैंप को अपने घर बैठक के लिए बुला लिया था। इस बैठक में प्रीतम, विधायक दल के उपनेता भुवन कापड़ी, विक्रम सिंह नेगी के साथ ही पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण, राजकुमार भी शामिल हुए थे।
बैठक के तत्काल बाद मीडिया से बातचीत में हरक ने विपक्ष की निष्क्रीयता का मुद्दा उठा दिया। कहा कि प्रदेश में विपक्ष कमजोर है। प्रीतम समेत बाकी नेताओं ने भी हरक की बात में हामी मिलाई। लेकिन इसके साथ ही हरक ने पूर्व सीएम हरीश रावत पर भी तीखे प्रहार कर दिए।
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आज यह पूरी टीम हरिद्वार में थी। हरक के दून वाले तेवर हरिद्वार में कायम थे। हरक ने फिर से विपक्ष की निष्क्रीयता का मुद्दा उठाया और हरीश रावत को कई सलाहें दी। मालूम हो कि हरक को उत्तराखंड की राजनीति में सबसे अप्रत्याशित नेता माना जाता रहा है। दो बार वो भाजपा छोड़ चुके हैं और एक-एक बार वो बसपा और कांग्रेस भी नाता तोड़ चुके हैं।
विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने उन्हें निष्कासित कर दिया था। तब से वो दोबारा कांग्रेस में हैं। 30 साल के राजनीतिक करियर में यह पहला मौका है हरक सत्ता से बिलकुल छिटके हुए हैं। हालांकि हरक बैठकों के सामान्य बैठक बता रहे हैं। वो कहते हैं कि कांग्रेस की मजबूती के लिए प्रयास कर रहे हैं। विपक्ष को बेहद मजबूत होना चाहिए। वर्ना सरकार निरंकुश हो जाती है।
हरिद्वार या पौड़ी से चुनाव लड़ने को तैयार हूं : हरक
कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने हरिद्वार और पौड़ी में से एक लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि पार्टी आदेश करेगी तो वह लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। हरक ने कहा कि उन्होंने विधानसभा चुनाव न लड़ने की बात कही थी न कि लोकसभा।
यह बात उन्होंने जयराम आश्रम में मीडिया से बातचीत में कही। हरक के इच्छा जाहिर करने के बाद पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने मौके पर ही मौखिक सहमति दे दी। मंगलवार को प्रीतम सिंह और कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ हरिद्वार जयराम आश्रम पहुंचे हरक ने फिर दोहराया कि उनका भाजपा छोड़ने का कोई इरादा नहीं था।
लेकिन उनको पार्टी ने निकाल दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को मजबूत करने का काम किया जाएगा। विपक्ष कमजोर होने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि हार से पार्टी कार्यकर्ता निराश हो जाता है, हम घर-घर जाकर पार्टी के कार्यकर्ता का मनोबल बढ़ाएंगे।