उत्तराखंड में कुछ दिन पूर्व आये भूकम्प की एक बार पूर्णावर्ती हुई, एक बार फिर 11.30 मिनट भूकम्प के झटके महसूस हुए। इस बार पिछली बार से तेजी काम होने से कम लोगो ने इसे महसूस किए।
उत्तराखंड में बीते कुछ हफ्तों से भूकंप के झटकों का सिलसिला जारी है। इस बार के झटके में समान्य तुलना में कम तेजी का महसूस किया गया, जिसके कारण ज्यादातर लोग इसे महसूस नहीं कर सके।
कई दिनों से लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं एक बार फिर से उत्तराखंड सहित कई क्षेत्र में मामूली भूकंप दर्ज किया गया है ।
उत्तराखंड में शनिवार को एक बार फिर भूकंप के झटके से डोली धरती ।
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उत्तराखंड में आज सुबह 11:30 मिनट राज्य के पिथौरागढ़ जनपद के हल्द्वानी सहित विभिन्न क्षेत्रों में भुकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का झटका महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल गए।
उत्तराखंड में आज सुबह 11:30 मिनट भूकंप के झटके महसूस किए गए।
इसके अलावा, नैनीताल जनपद अंतर्गत हल्द्वानी लाल कुआं में भी झटके महसूस किए गए, जो दिन में करीब 11:30 मिनट में हल्के झटके थे।
जानकारी के अनुसार, भूकंप का केंद्र नेपाल बताया जा रहा है विक्टर पैमाने पर भूकंप की क्षमता 5.0दर्ज की गई है।
उत्तराखंड में हाल के समय में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं, जो वैज्ञानिकों के बीच चिंता का कारण बने हैं।
वैज्ञानिक डॉ. आरजे पेरुमल ने बताया कि नेपाल में बीते मंगलवार को हुए भूकंप के झटके कांगड़ा (हिमाचल) और बिहार-नेपाल के सिस्मिक गैप में आए हैं, जो बड़े भूकंप के आने की संकेत दे रहे हैं।
इस संपूर्ण क्षेत्र में भूगर्भ में तनाव की स्थिति निरंतर बनी हुई है।
ऐसे में इस सिस्मिक गैप में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है।
कांगड़ा (हिमाचल) और बिहार नेपाल के – सिस्मिक गैप में वर्ष 1905 में कांगड़ा में 7.8 मैग्नीट्यूट और बिहार -नेपाल सीमा पर वर्ष 1934 में आठ ट्यूट के विनाशकारी भूकंप आ चुके हैं।
इसलिए, वैज्ञानिकों का मानना है कि इस संपूर्ण क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी रहती है और कभी भी बड़ा भूकंप हो सकता है।