डेंगू के प्रकोप से बच्चों को बचाने के लिए डेंगू के बारे में जागरूकता बढ़ रही है। पिछले कुछ हफ्तों में डेंगू के मरीजों की संख्या मेडिकल कॉलेज में तेजी से बढ़ गई है, जिसमें बच्चों की संख्या ज्यादा हैं।
डेंगू बच्चों में वायरल फ्लू के लक्षणों के साथ होता है, जैसे कि चिड़चिड़ापन, सुस्ती, मसूड़ों या नाक से खून आना, त्वचा पर चकत्ते पड़ना और उल्टी आना।
डेंगू के लक्षण में थोड़ी-थोड़ी देर पर तेज बुखार हो सकता है, जिसे हमें गंभीरता से लेना चाहिए।
आंखों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द और तेज सिर दर्द भी हो सकता है।
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डेंगू से बचाव:
घर से बाहर न निकालें: डेंगू के मच्छर जैसे वायरस की सबसे बड़ा स्रोत बारिश के मौसम में होती है।
इसलिए बच्चों को बारिश के समय बाहर नहीं निकालना चाहिए।
सफाई रखें: घर में सफाई रखना बच्चों को डेंगू से बचाने में मदद कर सकता है।
मच्छर मारने वाली दवा का उपयोग करें और पानी जमा न करें, क्योंकि वह मच्छरों को आकर्षित करता है।
पूरी आस्तीन के कपड़े पहनाएं: बच्चों को बाहर खेलते समय पूरी आस्तीन के कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है, ताकि मच्छरों के काटने से बचा जा सके।
खिड़की दरवाजे बंद रखें: शाम को खिड़की दरवाजे बंद रखने से मच्छरों का प्रवेश रोका जा सकता है।
वैक्सीनेशन: डेंगू के खिलाफ वैक्सीनेशन उपलब्ध होता है। यह वैक्सीन बच्चों को डेंगू से बचाने में मदद कर सकता है।
डेंगू से बच्चों के इलाज
- यदि आपका बच्चा डेंगू के लक्षण दिखाता है, तो तुरंत अस्पताल में उपचार कराएं।
- अपने बच्चे को पूरी आराम और पर्यापन प्रदान करें, और डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
- अपने बच्चे को डेंगू रोग के संक्रमण से बचाने के लिए हदबंदी रूप से बाहर खेलने से रोकें।
डेंगू का संक्रमण गंभीर हो सकता है, खासकर बच्चों में। इसलिए, उपरोक्त उपायों का पालन करके बच्चों को डेंगू से बचाने का प्रयास करें और उन्हें बचाव के उपायों के बारे में शिक्षित करें। अपने बच्चों को डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें और उपचार कराएं।