आइए जानते हैं की साइबर अपराधी किस तरह बना रहे हैं खाताधारकों को अपना शिकार:
तकनीकी के इस युग में साइबर ठग लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए नये नये तरीके अपना रहे हैं।
मुंबई में इन साइबर ठगों ने 16 दिन के अंदर 81 लोगों को 1 करोड़ रुपए का चूना लगाया है।
ये ठगी केवाईसी और पैन कार्ड स्कैम के जरिए की गई है।
इस तरह के फ्रॉड में ठग गूगल पे या फोन पे के जरिए बेहद चालाकी के साथ ठगी को अंजाम दे रहे हैं।
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इन ऐप्स के जरिए पहले खाताधारकों के बैंक खातों में छोटी-छोटी अमाउंट भेजी जा रही है और पैसे ट्रांसफर करने के बाद ये ठग लोगों से संपर्क करते हैं।
उन्होंने गलती से ये पैसे ट्रांसफर कर दिया है और फिर अपने पैसे वापस मांगने के लिए आग्रह करते हैं।
ऐसी स्थिति में अगर कोई व्यक्ति उन्हें रकम वापस करता है।
यहीं से ठगी का खेल शुरू हो जाता है दरअसल ऐसी खाताधारकों को एक खास तरह के मालवेयर का शिकार बना लिया जाता है।
अब इस तरह फ्रॉड का शिकार बना रहे हैं ठग:
गूगल पे या फोन पे के जरिए इस तरह के फ्रॉड पर साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये एक तरह का मालवेयर और इंसानी इंजीनियरिंग और तकनीकी की मदद से बनाया गया जाल होता है।
ठग जानबूझकर गूगल पे या फोन पे के जरिए आपके अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करता है।
इसके बाद कॉल करके कहता है कि उन्होंने गलती से आपको पैसे ट्रांसफर कर दिया है।
अब वो आपसे अपने पैसे वापस मांगते हैं।
अगर आप पैसे भेज देते हैं तो आपका अकाउंट पहले हैक हो जाता है और पल भर में रकम गायब हो जाती है।
दरअसल, जब कोई गूगल पे या फोन पे के जरिए पैसे चुकाता है तो उनका बैंक पैन, आधार जैसा केवाईसी डाटा इन ठगों के पास उपलब्ध हो जाता है।
ये डॉक्युमेंट किसी भी व्यक्ति के बैंक अकाउंट को हैक करने के लिए पर्याप्त होते है।
इस तरह के फ्रॉड से बचने का यह हा तरीका?
एक्सपर्ट इसे मालवेयर, मानव इंजीनियरिंग और तकनीकी के मिश्रित तालमेल बता रहे हैं।
ऐसी स्थिति में गूगल पे या फोन पे को एंटी-मालवेयर सॉफ्टवेयर की मदद इस तरह के फ्रॉड से नहीं बचाया जा सकता है।
ऐसे में अगर आपके साथ भी कोई इस तरह धोखा देना चाहता है तो उनसे कहें कि आप अपने बैंक से संपर्क कर रहे हैं।
इसके बाद कॉलर से नजदीकी पुलिस स्टेशन पर मिलकर पैसे वापस करने का प्रस्ताव दे सकते हैं।
इसके साथ ही आप ऐसे व्यक्ति को पैसे वापस लेने के लिए वैधानिक तरीके अपनाने के लिए कह सकते हैं।