उत्तराखंड : लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच एक तरफ भाजपा का सदस्यता अभियान जोरों पर चल रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस से दिग्गज और पुराने नेताओं का मोहभंग होता जा रहा है। 44 साल तक पार्टी में सेवा देने के बाद आज कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री अशोक वर्मा ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा सौंप दिया।
लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य अशोक वर्मा ने भी पार्टी छोड़ दी है. अशोक वर्मा ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है।
अशोक वर्मा नगर निगम में नेता नेता प्रतिपक्ष, उत्तराखंड राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. अशोक वर्मा के साथ ही उनके बेटे एडवोकेट शिवा वर्मा ने भी कांग्रेस को अलविदा कह दिया है।
रविवार को अशोक वर्मा ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा को पत्र लिखा. जिसमें अशोक वर्मा ने लिखा 44 वर्षों तक कांग्रेस पर रहने के बाद आज मैं व्यक्तिगत कारणों से कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं।
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अशोक वर्मा ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा से त्यागपत्र को स्वीकार किए जाने का अनुरोध किया है. फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि अशोक वर्मा किस पार्टी का दामन थामेंगे।
जानकारों की मानें तो अशोक वर्मा अपने समर्थकों के साथ चर्चा करने के बाद कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
बता दें कि इससे पहले भी कांग्रेस मीडिया प्रभारी का दायित्व संभाल रहे पीके अग्रवाल और उनकी धर्मपत्नी पछवादून की जिला अध्यक्ष रही लक्ष्मी अग्रवाल ने भी कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था।
उससे पहले कोटद्वार से कांग्रेस नेता, पूर्व विधायक शैलेन्द्र रावत ने भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था. जिसके बाद अब अशोक वर्मा ने पार्टी को अलविदा कह दिया है।
44 वर्षों तक कांग्रेस में जुड़े रह चुके अशोक वर्मा का जाना पार्टी के लिए किसी बड़े झटके से कम नही हैं फिलहाल अशोक वर्मा का नया पता क्या होगा यह स्पष्ट नहीं है लेकिन जानकारों की माने तो अशोक वर्मा अपने समर्थकों और शुभ चिंतकों से चर्चा करने के बाद कोई बड़ा फैसला ले सकते है।