तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने एक सामाजिक सम्मेलन में सनातन धर्म को लेकर दिए बयान को लेकर बहुतायत विवाद उत्पन्न किया था।
उन्होंने सनातन धर्म को सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ माना और इसे समाप्त करने की बात की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उदयनिधि स्टालिन के बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह बयान अत्यंत निंदनीय है और उन्होंने इसे आईएनडीआईए गठबंधन की घटिया सोच का प्रतीक माना।
पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “2024 के चुनाव में देश की जनता ऐसे लोगों को सबक सिखाएगी जो समाज में भिन्न-भिन्न धर्मों को लेकर भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं।
सनातन धर्म हमारे समाज के मूल भावनाओं को दरकिनार करता है और यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है।”
सीएम ने कहा कि “सनातन धर्म के खिलाफ विचारशीलता का समर्थन नहीं किया जा सकता, बल्कि इसे समाप्त कर देना चाहिए।
सनातन धर्म के सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसे समाप्त ही कर देना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते, हमें इसे मिटाना है। इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है।”
सीएम धामी के बयान के बाद, मसूरी में एक व्यापारिक संगठन, मसूरी ट्रेडर्स एसोसिएशन सहित विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किया और बड़ी संख्या में लोग भगत सिंह चौक पर एकत्र हुए और नारेबाजी की।
यह मामला राजनीतिक और सामाजिक चर्चा का मुद्दा बन गया है, जिसके चलते 2024 के चुनाव में सनातन धर्म के प्रति सामाजिक और राजनीतिक समर्थन का अध्ययन किया जा रहा है।

