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मुंबई के बदरीनाथ मंदिर को लेकर भाजपा-कांग्रेस में घमासान

Mumbai Badrinath temple controversy.

मुंबई बदरीनाथ मंदिर विवाद :  धामों की प्रतिकृति बनाने से उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा कांग्रेस के बीच इसे लेकर चल रहे खीचतान के बीच अब भाजपा ने मुम्बई में बदरीनाथ मंदिर के निर्माण को लेकर कांग्रेस पर हमला बोल दिया है।

भाजपा ने कांग्रेस के संरक्षण व मार्गदर्शन में मंदिर के निर्माण का आरोप लगाते हुये कहा कि हरीश रावत सरकार के दौरान मुम्बई में बदरीनाथ मंदिर की हूबहू नकल बनाने की शुरूआत हुयी थी। इस मंदिर के नाम पर करोड़ो रूपये एकत्र हो रहे है, और कांग्रेस ने इस विषय पर चुप्पी साध रखी है, जो उसके दोहरेपन को दर्शाता है। पार्टी प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने मंदिरों धामों के नाम पर कांग्रेस पर भ्रम एवं दोगली राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार की नीति और नियत दोनों स्पष्ट है।

यही वजह है कि दिल्ली में प्रस्तावित श्री केदारनाथ धाम मंदिर पर जनभावनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री धामी ने वहां तत्काल कार्यवाही की। सरकार ने देश में श्री केदार धाम ही नहीं, राज्य के सभी पावन धामों के नाम पर संस्था या ट्रस्ट बनाने पर रोक लगाई।

बावजूद इसके कांग्रेस नेता इस मुद्दे को लेकर सस्ती राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे है। जबकि कांग्रेस की हरीश रावत सरकार में ही 1 फरवरी 2015 को मुम्बई के वसई में श्री बदरी विशाल मंदिर का शिलान्यास हुआ।

केदारनाथ मंदिर के नाम पर हल्ला मचाने वाले गणेश गोदियाल उस समय श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष थे। तब से लेकर आज तक इस निर्माणाधीन मंदिर का उत्तरांचल मित्र मंडल वसई ट्रस्ट, मंदिर के नाम पर श्रद्धालुओं से सैकड़ों करोड़ रूपए एकत्रित कर रहा है।

कोठारी ने इसकेे निर्माण को लेकर कांग्रेस पर संरक्षण देने और मार्गदर्शन करने का आरोप लगाया। कहा कि यदि ऐसा नहीं है तो, गोदियाल समेत तमाम कांग्रेसी इस मंदिर निर्माण को लेकर विरोध क्यों नहीं करते है।

 

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