सीएम ने सुझाव दिया कि प्रत्येक प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) को मजबूत करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं।
उन्होंने कहा कि क्लस्टर दृष्टिकोण अपनाकर जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और सहकारी समितियों को कृषि से जोड़ा जाना चाहिए।
राज्य में बाजरे के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और सहकारी समितियों से जुड़े लोगों के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण और सम्मेलनों का आयोजन किया जाना चाहिए।
उन्होंने निर्देश दिए कि संघ व राज्य सरकारों की फ्लैगशिप योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।
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अधिक से अधिक लोगों को दीनदयाल उपाध्याय सहकारी ऋण योजना से जोड़ने से किसानों की आय बढ़ाने और महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री घश्यारी कल्याण योजना राज्य में अच्छा काम कर रही है और केंद्र सरकार ने भी इस योजना की सराहना की है।
उन्होंने कहा कि राज्य में 670 पैक्स में से 660 का कम्प्यूटरीकरण किया जा चुका है और इन सोसायटियों के कम्प्यूटरीकरण में उत्तराखंड और तेलंगाना अग्रणी राज्य हैं।