मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को संबोधित अपने पत्र में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देवभूमि उत्तराखण्ड से भेजे गए रसीले और दिव्य मौसमी फल ‘काफल’ प्राप्त हुए।
हमारी प्रकृति ने हमें एक से बढ़कर एक उपहार दिए हैं और उत्तराखण्ड तो इस मामले में बहुत धनी है, जहां औषधीय गुणों से युक्त कंद-मूल और फल-फूल प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैँ।
काफल ऐसा ही एक फल है जिसके औषधीय गुणों का उल्लेख प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी मिलता है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि काफल उत्तराखण्ड की संस्कृति में भी रचा बसा है।
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इसका उल्लेख विभिन्न रूपों में यहां के लोकगीतों में भी पाया जाता है।
उत्तराखण्ड जाएं और वहां मिलने वाले विभिन्न प्रकार के पहाड़ी फलों का स्वाद ना लें, तो यात्रा अधूरी लगती है।
गर्मियों के मौसम में पक कर तैयार होने वाले काफल राज्य में आने वाले पर्यटकों में भी खासे लोकप्रिय हैं।
अपनी बढ़ी हुई मांग के कारण मध्य हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाने वाला यह फल स्थानीय लोगों को आर्थिक मजबूती भी प्रदान कर रहा है।
मुझे खुशी है कि काफल के लिए उपयुक्त बाजार सुनिश्चित कर गुणों से भरपूर इस फल को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
बाबा केदार और भगवान बद्री विशाल से उत्तराखंड के लोगों के कल्याण और राज्य की समृद्धि की कामना करता हूँ।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री जी के पत्र हेतु हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री जी के इन स्नेहपूर्ण शब्दों से हमारा तथा समस्त राज्यवासियो का उत्साहवर्धन हुआ है |