महाकुंभ में स्वागत संगम का बदला नज़ारा : महाकुंभ 2025 के आयोजन को लेकर संगम नगरी, प्रयागराज पूरी तरह तैयार है। देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं साधु-संतों का प्रयागराज पहुंचना शुरू हो चुका है और भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं को अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करने के लिए कई नई सुविधाओं का निर्माण और पुरानी धरोहरों का सौंदर्यीकरण किया है।
29 प्राचीन मंदिरों का सौंदर्यीकरण
महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव को बेहतर बनाने के उद्देश्य से 29 प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया गया है। इन मंदिरों को ऐतिहासिक महत्व के साथ ही आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है ताकि श्रद्धालु सुगमता से दर्शन कर सकें। पवित्र गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर 12 किलोमीटर लंबे अस्थायी घाटों का निर्माण किया गया है। ये घाट श्रद्धालुओं को पवित्र स्नान और अनुष्ठान के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक स्थान प्रदान करेंगे। घाटों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था, लाइटिंग और स्वच्छता सुनिश्चित की गई है।
8 किलोमीटर लंबी नई सड़कें
महाकुंभ के लिए गंगा के किनारे 8 किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई गई हैं जिससे स्नान घाटों, मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों तक श्रद्धालु आसानी से पहुंच सकें। इन सड़कों पर यातायात को सुचारु बनाए रखने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।
देश-विदेश से उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़
महाकुंभ में भाग लेने के लिए भारत के विभिन्न राज्यों और विदेशों से लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचने लगे हैं। जिला प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रांसपोर्ट, चिकित्सा, पेयजल और ठहरने की व्यवस्था की है। इसके साथ ही, श्रद्धालुओं को कुंभ मेले की जानकारी प्रदान करने के लिए डिजिटल सूचना केंद्र भी बनाए गए हैं। महाकुंभ 2025 का यह भव्य आयोजन न केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक है बल्कि भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को भी प्रदर्शित करता है। जिला प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर इस आयोजन को सफल बनाने के लिए जुटे हुए हैं।
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