देहरादून : उत्तराखंड में निर्मित होने वाले सभी खाद्य मसालों की जांच होगी। आयुक्त खाद्य संरक्षा डॉ. आर राजेश कुमार की ओर से बुधवार को इसके आदेश किए गए।
एमडीएच और एवरेस्ट मसालों को लेकर कई देशों में सवाल खड़े हुए हैं।
इस पर केंद्र सरकार ने मसालों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों को मसालों की जांच के निर्देश दिए थे।
अब राज्य सरकार ने राज्य में निर्मित होने वाले सभी मसाला कंपनियों के उत्पादों की जांच के आदेश दिए हैं।
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आयुक्त की ओर से सभी जिलों के खाद्य संरक्षा अधिकारियों को मसाला मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों में जाकर अलग-अलग मसालों की गुणवत्ता जांचने के लिए सैंपलिंग के निर्देश दिए गए हैं।
डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि मसालों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े होने के बाद राज्य भर में मसालों की जांच कराई जा रही है।
उत्तराखंड में एमडीएच और एवरेस्ट मसाला की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट तो नहीं है लेकिन इसके अलावा प्रयोग में लाए जाने वाले अन्य मसाला ब्रांडों की 50 से अधिक यूनिट हैं।
इन सभी के उत्पादों की सैंपलिंग कराने का निर्णय लिया गया है। खाद्य संरक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अगले एक-दो दिन में सभी मसाला उत्पादन यूनिटों में सैंपलिंग का काम शुरू होगा और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
राज्य में पिछले साल मसालों के कुल 133 सैंपल लिए गए थे। जिसमें 13 की रिपोर्ट सब स्टैंडर्ड पाई गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि जिन उत्पादों के सैंपल फेल पाए गए हैं उनके खिलाफ अलग-अलग स्थानों पर वाद दायर किए गए हैं।
इसके अलावा विभाग ने 233 के करीब स्थानों पर रेंडम सैंपलिंग भी कराई थी जिसमें एक दर्जन के करीब की रिपोर्ट मानकों के अनुसार नहीं पाई गई थी। जबकि कुछ की रिपोर्ट अभी आना बाकी है।