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"मसूरी में नगर पालिका के अफसरों की गड़बड़ी का बड़ा खुलासा"

'Order for investigation into serious allegations, demand for continuous monitoring of silver of private contractors'

मसूरी :  स्थानीय निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राकेश अग्रवाल ने जिलाधिकारी से एक शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने मसूरी में विभिन्न कार्यों के टेंडर व कोटेशन में कई गंभीर आरोप लगाए थे।

सूत्रों के मुताबित, नगर पालिका मसूरी के अफसरों ने 5.70 करोड़ के कार्यों के टेंडर और कोटेशन में बड़ा खेल कर दिया।

इन अनियमितताओं की जांच एसडीएम की दो सदस्यीय समिति ने की है।

इस पर होने वाली खर्च व कमाई के बारे में जानकारी मांगी तो संयुक्त समिति को गलत तथ्य पेश किए गए।

मसूरी की रिपोर्ट मिल चुकी है। हमने शहरी विकास निदेशालय से इस पर विस्तृत जानकारी मांगी है। जानकारी आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

जब मौके पर जांच हुई तो कागजों में जितना माप दिखाया गया है, उससे कम निकला। समिति ने यह भी पाया कि नगर पालिका परिषद की बोर्ड बैठक में गैर जरूरी व पूर्व में पूरे किए जा चुके कार्यों के प्रस्ताव रखे जा रहे हैं।

जबकि टेंडर किसी भी निविदाकर्ता के पक्ष में नहीं खोला गया। इससे निविदा दाताओं में मिलीभगत प्रतीत हुई।

निविदा दाताओं के आगणन में भी गलतियां की गईं। जिससे सरकारी धन के दुरुपयोग की चेष्टा प्रतीत हुई, संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई जरूरी होनी चाहिए।

एमडीडीए की एनओसी लिए बिना ही कुछ कार्यों के टेंडर जारी कर दिए गए।

नगर पालिका मसूरी ने 25 कोटेशन में से 24 के ही निर्माण, मरम्मत की अनुमति ली। सभी काम बिना वर्क ऑर्डर करा लिए गए। नगर पालिका मसूरी ने करीब 5 करोड़ 70 लाख के टेंडर निकाले।

उन्होंने तत्काल सभी टेंडर, कोटेशन निरस्त करने, अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश की।

इस मामले में शासन ने शहरी विकास निदेशालय से विस्तृत जानकारी मांगी है। मसूरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राकेश अग्रवाल ने जिलाधिकारी से एक शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने मसूरी में विभिन्न कार्यों के टेंडर व कोटेशन में कई गंभीर आरोप लगाए थे।

डीएम सोनिका के निर्देश पर एसडीएम मसूरी नंदन कुमार की अध्यक्षता में संयुक्त समिति का गठन किया गया, जिसमें उपकोषाधिकारी मसूरी सुरेंद्र दत्त थपलियाल सदस्य थे।

इस समिति ने जांच की तो पाया कि जो भी टेंडर निकाले गए, उनकी ड्राइंग तैयार नहीं की गई।

समिति ने सभी टेंडर व कोटेशन तत्काल निरस्त करने के साथ ही पूर्व में पूर्ण कार्यों की माप पुस्तिका की जांच के साथ ही पालिका के अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।

ये गड़बड़ियां आईं सामने जिन आमंत्रित टेंडर का भौतिक निरीक्षण किया गया, उनमें से अधिकांश निर्माण या मरम्मत के काम पूर्व में ही ठेकेदारों ने पूरे कर दिए या काम शुरू कर दिया।

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