बड़ी ख़बर,,पेंशन को लेकर अब बिल्कुल भी नहीं होगी कोई टेंशन,,सरकार का बन रहा है यह प्लान..
Scheme to simplify the selection process for old age pension in Uttarakhand.
देहरादून : उत्तराखंड में वृद्धावस्था पेंशन के लिए चयन प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को समाज कल्याण विभाग को चयन प्रक्रिया के नियम और प्रक्रिया को आसान रूप देने के निर्देश दिए।
इसके लिए दूसरे राज्यों में किए गए नए प्रयोगों का अध्ययन करने को भी कहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिससे बुजुर्ग को पात्रता की आयु 60 वर्ष पूरे करते ही तत्काल पेंशन का लाभ मिलने लगे।
साथ ही उन्हें चयन प्रक्रिया के लिए ज्यादा परेशान न होना पड़े।
मुख्यमंत्री आवास में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण ऐक्ट की राज्य स्तरीय सतर्कता-अनुश्रवण समिति की बैठक में यह मुद्दा उठा था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य के प्रत्येक पात्र व्यक्ति को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का सरलता और सहजता से लाभ मिलना चाहिए।
खासकर बुजुर्गों के मामले में इस पहलू पर और भी अधिक संवेदनशीलता की जरूरत है।
सूत्रों के अनुसार सरकार वृद्धावस्था पेंशन के लिए 60 साल की आयु पूरी करने के बाद ही आवेदन की बाध्यता को समाप्त करना चाहती है।
शुरुआती स्तर पर विचार किया जा रहा है कि 60 साल की आयु होने से चार या पांच माह पहले ही दस्तावेज जुटाने और आवेदन की प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाए।
इससे जैसे ही व्यक्ति 60 साल की आयु पूर्ण करेगा, उसे पहले महीने से ही पेंशन मिलने लगेगी।
वृद्धावस्था पेंशन के लिए चयन प्रक्रिया काफी जटिल है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के मानक भी अलग हैं।
पेंशन के लिए आयु 60 साल पूरी होनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत की खुली बैठक में संबंधित व्यक्ति के नाम की स्वीकृति होना अनिवार्य है।
ग्राम पंचायत की बैठक भी हर छह माह पर होती है। इसके बाद व्यक्ति को ऑनलाइन आवेदन करना होता है।
इसमें पंचायत की बैठक के प्रस्ताव की प्रति, आयप्रमाण पत्र, आधार कार्ड, आयु प्रमाण आदि भी अपलोड करने होते हैं।
जबकि शहर में ऑनलाइन आवेदन के साथ प्रमाणपत्र अपलोड करने होते हैं। सहायक समाज कल्याण अधिकारी के स्तर से जांच के बाद आवेदन एसडीएम के पास जाता है। सडीएम की मंजूरी के बाद ही आगे प्रक्रिया बढ़ती है।
राज्य में समाज कल्याण की प्रमुख पेंशन योजनाओं के तहत आठ लाख 81 हजार 189 लोग लाभ ले रहे हैं।
इनमें सबसे ज्यादा संख्या वृद्धावस्था पेंशन वालों की ही है। राज्य में इस वक्त 5.53 लाख लाभार्थी वृद्धावस्था योजना के, 2.16 लाख विधवा पेंशन योजना, 83 हजार 367 दिव्यांग पेंशन, 27 हजार 334 किसान पेंशन के लाभार्थी हैं।
इस प्रक्रिया में कम से कम दो से तीन महीने का वक्त लग जाता है। वर्तमान में सरकार वृद्धावस्था पेंशन के रूप में हर महीने 1500 रुपये देती है।
दस्तावेज जुटाने, आवेदन और मंजूरी में दो से तीन महीने का वक्त लग जाता है। इससे व्यक्ति पहली कई किस्तों का लाभ नहीं मिल पाता।
चार हजार रुपये मासिक आय का प्रमाणपत्र बनाना भी कम जटिल नहीं है।