इसके अंतर्गत यात्रा मार्ग पर नौ स्थानों पर यात्रियों की स्वास्थ्य जांच के लिए केंद्र बनाए जा रहे हैं।
विशेष यह कि इनमें 55 वर्ष से अधिक आयु के यात्रियों की अनिवार्य स्वास्थ्य जांच की जाएगी।
जांच में अभी कोरोना जांच को शामिल नहीं किया गया है।
विभाग इस समय कोरोना संक्रमण के मामलों पर नजर रखे हुए है।
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यदि आंकड़े अगले सप्ताह भी बढ़ते हैं तो फिर इसके लिए एडवाइजरी जारी की जाएगी।
22 अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा:
प्रदेश में इस वर्ष चारधाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू हो रही है।
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग भी यात्रा की तैयारियों में जुटा हुआ है।
विभाग का फोकस इस समय यात्रा पर आने वाले यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने पर है।
चारधाम यात्रा मार्ग में 48 स्थायी अस्पताल हैं।
इसके अलावा यहां 17 अस्थायी स्वास्थ्य इकाइयों की स्थापना और 11 प्रथम स्वास्थ्य उत्तरदाता (फस्र्ट मेडिकल रिस्पांडर) की तैनाती की जा रही है।
इन सभी चिकित्सा इकाइयों में 74 विशेषज्ञ और 395 स्वास्थ्य अधिकारी तैनात किए जा रहे हैं।
इन सभी को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आने पर स्वास्थ्य बिगडऩे पर उपचार करने और आपात देखभाल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इसके साथ ही 411 नर्स, 258 फार्मासिस्ट और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ भी यात्रा मार्ग पर तैनात किया जा रहा है।
यहां 50 स्वास्थ्य एटीएम भी लगाए जा रहे हैं, जिनमें ईसीजी, आक्सीजन, रक्तचाप, मधुमेह आदि की निश्शुल्क जांच की जाएगी।
कोरोना जांच बढ़ाने के बाद संक्रमण के मामले सामने आ रहेविभाग आपात स्थिति से निपटने के लिए की गई व्यवस्था पर भी नजर रखे हुए है।
यात्रा मार्ग के अस्पतालों में 166 आइसीयू, 263 वेंटीलेटर और 1975 आक्सीजन सपोर्टेड बेड उपलब्ध हैं।
मार्ग पर 11 ब्लड बैंक और दो ब्लड स्टोरेज केंद्र भी क्रियाशील हैं।
इसे कोरोना संक्रमण से निपटने की तैयारियों के रूप में भी देखा जा रहा है।
सचिव स्वास्थ्य डा आर राजेश कुमार का कहना है कि यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
इसके लिए चिकित्सकों की तैनाती की जा रही है।
उन्होंने कहा कि कोरोना जांच बढ़ाने के बाद संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं।
हालांकि पाजिटिविटी रेट कम हुआ है।
ऐसे में विभाग अभी इस पर नजर रखे हुए है।