उत्तरकाशी में तथाकथित लव जिहाद की घटना के बाद उत्तरकाशी प्रशासन 15 जून को होने वाली महापंचायत को रोकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है।
प्रधान संगठन और स्थानीय लोग महापंचायत करने पर अड़े हुए हैं तो वहीं एसपी अर्पण यदुवंशी और डीएम अभिषेक रुहेला ने महापंचायत को लेकर पुरोला में स्थानीय लोगों और प्रधान संगठन से वार्ता की और उन्हें महापंचायत न करने की अपील की।
इधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से कानून अपने हाथ में न लेने की अपील की है। दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय ने 18 जून को देहरादून में महापंचायत का ऐलान किया है।
जिससे आने वाले दिनों में उत्तरकाशी और देहरादून सहित पूरे प्रदेश की शांति पर बुरे साये का खतरा मंडरा रहा है।
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लव जिहाद पर सीएम धामी ने कहा कि ये घटनाएं दो-तीन माह के भीतर ज़्यादा उजागार हुई हैं, उसके पीछे सरकार के द्वारा लाए गए धर्मांतरण कानून है।
इस कानून के बाद लोगों में तेज़ी से जागरूकता आई है, आंकड़े भी यह बता रहे हैं। जो लोग इस तरह की साजिश का शिकार हुए हैं, खुद उन लोगों ने भी अब अपना प्रतिकार करना शुरू किया है।
आगे इस प्रकार की घटनाएं न हो इसके लिए प्रशासन व पुलिस संयुक्त रूप से सत्यापन अभियान चलाएगी।
आखिर ये कौन लोग हैं? कहां से आए हैं, और इनका क्या इतिहास रहा है, यह सब सत्यापन के बाद पता चल सके। इसी के आधार पर तय होगा कि अब ऐसे लोग उत्तराखंड में रह पाएंगे या नहीं।
लव जिहाद पर सीएम धामी ने कहा उत्तराखंड में सभी लोग भाईचारे से रहते हैं। एक-दूसरे के साथ मेल-मिलाप से रहते हैं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि इस प्रकार की गतिविधियां करें।
इसे कदापि स्वीकार नहीं किया जाएगा। बता दें कि लव जिहाद को लेकर शांतप्रिय पर्वतीय क्षेत्रों में अब तक तीन घटनाएं प्रकाश में आ चुकी हैं।
इसके विरोध में उत्तरकाशी और चमोली जिले में व्यापारियों के साथ ही लोगों को सड़कों पर उतरना पड़ा। पहले मामला 26 मई को पुरोला में सामने आया, जहां नाबालिग युवती को भगा लिया गया।
इसके बाद छह जून को गौचर (चमोली) और फिर आठ जून को आराकोट (मोरी) में इस तरह की आपराधिक घटनाएं प्रकाश में आ चुकी हैं। अमन की उम्मीद और भाईचारे की दुआएं दोनों समुदायों के लोगों की तरफ से की जा रही है।