जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को बजट घोषणाओं का लाभ जन-जन में पहुंचाने के लिए सिविल सोसायटी की ओर से राजधानी के बिडला सभागार में आयोजित कार्यशाला में शिरकत की और एनजीओ और सिविल सोसायटी का धन्यवाद दिया।
सीएम गहलोत ने कहा कि गुड गवर्नेंस में एनजीओ और सिविल सोसाइटी का अहम रोल होता है। सिविल सोसाइटी एनजीओ किसी पार्टी के नहीं होते हैं, निष्पक्ष होते इसलिए वह जो सुझाव देते हैं उन्हें गंभीरता से लेना चाहिए।
अगर वो सरकार की आलोचना करते हैं तो भी उसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि सरकार में बैठे लोग जनता के बीच से ही चुनकर जाते हैं इसलिए गलती किसी से भी हो सकती है और गलती सुधारने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। सीएम गहलोत ने कहा कि एनजीओ और सिविल सोसाइटी के लिए जनता के हित के लिए काम करते हैं।
शांति अहिंसा विभाग राजस्थान में बना कर रहूंगा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि महात्मा गांधी की प्रासंगिकता आज सबसे ज्यादा है, यह इसलिए ज़रूरी है क्योंकि आज देश में सद्भावना भाईचारे की जरूरत है, उन्होंने कहा कि राजस्थान में हमने शांति और अहिंसा का प्रकोष्ठ बनाया शांति अहिंसा निदेशालय भी बनवाया अब मैं शांति अहिंसा विभाग बना कर रहूंगा ।
- Advertisement -
सीएम गहलोत ने कहा कि जिस घर में झगड़े होते हैं वो घर कभी खुशहाल नहीं हो सकता, जिस देश में झगड़े होते हैं वह देश कभी आगे नहीं बढ़ सकता। अगर लोगों में सद्भावना- शांति बनी रहेगी तो सरकारें भी अच्छा काम करेंगी। बजट भी अच्छा पेश होगा और बजट घोषणाए भी लागू होंगी।
देश में हिंसा और तनाव का माहौल
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज देश में हिंसा और तनाव का माहौल है अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक दोनों में अविश्वास पैदा होता जा रहा है। राजस्थान में ही करौली, जोधपुर और उदयपुर में घटना हुई। उदयपुर में एक व्यक्ति की गर्दन काट दी गई इस घटना से देश भर में रोष था। दंगे भड़क सकते थे लेकिन हमने तुरंत एक्शन लिया और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
लोगों में विश्वास पैदा हुआ कि सरकार काम कर रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमने पहले भी प्रधानमंत्री से मांग की थी और अब भी कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री को आगे आकर राष्ट्र के नाम संबोधन देना चाहिए कि मैं हिंसा को बर्दाश्त नहीं करूंगा, लेकिन पता नहीं प्रधानमंत्री क्यों नहीं बोलते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में जब लिंचिंग पर कहा था कि लिंचिंग करने वाले असामाजिक तत्व है तब देश भर में उनके बयान की तारीफ हुई थी। सोनिया गांधी सहित 15 विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री मोदी से राष्ट्र के नाम संबोधन देने की मांग की है लेकिन प्रधानमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं।
एनजीओ और सिविल सोसाइटी को समझे प्रधानमंत्री
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एनजीओ सिविल सोसाइटी को समझना चाहिए। प्रधानमंत्री एनजीओ और सिविल सोसाइटी से प्यार करेंगे तो उन्हें आनंद की अनुभूति होगी। सिविल सोसाइटी और एनजीओ आलोचना करते हैं तो उसे स्वीकार भी करना चाहिए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज देश में धर्म की राजनीति हो गई है, अगर पूरी दुनिया में ही एक धर्म की राजनीति होने लगेगी तो विश्व का क्या हाल होगा। मेरे जैसे करोड़ों लोग इसी चिंता में रहते हैं।
ईडी का देश में आतंक
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आज देश में संविधान और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। गहलोत ने कहा कि हाल ही में दिल्ली के कांग्रेस दफ्तर में मैंने ई डी को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। आधे घंटे के बाद ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया कि ईडी के अधिकार बरकार रखे गए हैं।
ईडी को पुलिस और सीबीआई से ज्यादा पावर दे दी गई, ईडी जब चाहे तब बिना वारंट के किसी को गिरफ्तार करने पहुंच जाएगी। जिस तरह से देश में लोकतंत्र और संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है उससे पता नहीं कि देश किस दिशा में जा रहा है। इससे पहले बजट घोषणाओं को जन जन तक पहुंचाने के लिए आयोजित कार्यशाला को मुख्य सचिव उषा शर्मा सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय, कांग्रेस नेता के राजू ने भी संबोधित किया।