प्रदेश के महाविद्यालयों में कर्मचारियों एवं शिक्षकों के लिए बायोमीट्रिक से उपस्थिति को अनिवार्य किए जाने के बाद अब छात्र-छात्राओं के लिए इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
उत्तराखंड के सभी सरकारी महाविद्यालयों में इसी शिक्षा सत्र से छात्र-छात्राओं के लिए बायोमीट्रिक से उपस्थिति दर्ज किए जाने की तैयारी है। संयुक्त निदेशक एएस उनियाल के मुताबिक सभी 119 महाविद्यालयों में इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
प्रदेश के महाविद्यालयों में कर्मचारियों एवं शिक्षकों के लिए बायोमीट्रिक से उपस्थिति को अनिवार्य किए जाने के बाद अब छात्र-छात्राओं के लिए इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा। छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन और उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए इस व्यवस्था को लागू किया जा रहा है। उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक एएस उनियाल के मुताबिक उच्च शिक्षा का नया शिक्षा सत्र एक जुलाई से शुरू हो जाता है, लेकिन अभी महाविद्यालयों में छात्रों के एडमिशन नहीं हुए।
इसकी एक वजह यह है कि अब तक सीबीएसई बोर्ड का रिजल्ट जारी नहीं हुआ। इसके अलावा उच्च शिक्षा में कोविड की वजह से सत्र देरी से चल रहा है। अभी छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं चल रही हैं। हालांकि विभाग की ओर से एडमिशन के लिए पोर्टल खोल दिया गया है। नए सत्र के लिए छात्र-छात्राओं के एडमिशन होंगे। इसके बाद महाविद्यालयों के स्तर से छात्र-छात्राओं के लिए बायोमीट्रिक से उपस्थिति की व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
हर जिले में एक मॉडल कालेज होगा विकसित
उच्च शिक्षा के संयुक्त निदेशक के मुताबिक प्रदेश के हर जिले में एक स्नातकोत्तर महाविद्यालय को मॉडल कालेज के रूप में विकसित किया जाएगा।
सेमेस्टर सिस्टम होगा लागू
उच्च शिक्षा के संयुक्त निदेशक एएस उनियाल के मुताबिक प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को इसी साल से अपना लिया गया है। इसके बाद महाविद्यालयों में सेमेस्टर सिस्टम लागू होगा। इसके लिए अलग से शासनादेश की जरूरत नहीं होगी।