दुनियाभर में हनुमान जी के कई ऐतिहासिक मंदिर हैं। कोई अपनी विशाल प्रतिमा के लिए तो कोई अपने चमत्कारों के लिए जाना जाता है। इनमें से राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच मेहंदीपुर बालाजी धाम अपने चमत्कारों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। जिसके दर्शन करने के लिए रोजाना हजारों की संख्या में लोग दूर-दूर से वहां जाते हैं। उसी की तर्ज पर उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार के लोवर कालाबड़ में भी बालाजी धाम बनाया गया है। जो झंडा चौक से करीब 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। कोई भी भक्त अपने कष्टों के निवारण के लिए बालाजी धाम में अर्जी लगा सकता है।
राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी से भक्तों द्वारा पैदल पदयात्रा करके 23 साल पूर्व ज्योत लाके कोटद्वार में बालाजी धाम की स्थापना की गई थी। इस मंदिर के मुख्य गर्भगृह में बालाजी महाराज, शिव-पार्वती, राधा-कृष्ण और अंजना माता का मंदिर है। इसके अलावा संतोषी माता, दुर्गा माता, श्री राम दरबार, लक्ष्मी नारायण, शिव परिवार और पंचमुखी हनुमान जी की स्थापना की गई। इस मंदिर के बारे में कई मान्यताएं हैं। कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति की तबीयत खराब होती है, तो वह इस मंदिर में जाकर बाबा से अपना इलाज करवाता है। इसके साथ ही, ऊपरी बधाओं से परेशान लोग अपने कष्टों के निवारण के लिए आते हैं। यहां पर अलौकिक शक्तियों के प्रति विश्वास है और लोग इस मंदिर को एक अद्भुत कृपा धाम मानते हैं। श्री बालाजी महाराज की कृपा से उनकी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
हर मंगलवार लगता है दरबार
संस्थापक दिनेश ऐलावादी ने जानकारी देते हुए बताया कि बालाजी महाराज के इस मंदिर में आने वाले हर भक्त का दुख दूर होता है और उनकी समस्याओं का समाधान होता है। ऊपरी बाधाओं से परेशान लोग भी इस मंदिर में आकर अपना इलाज करवाते हैं, और बाबा की कृपा से उनकी समस्याएं हमेशा के लिए खत्म हो जाती हैं।उन्होने बताया कि यहां हर मंगलवार को भव्य संकट निवारण दरबार लगता है। यहां हर मंगलवार शाम को 6 बजकर 45 मिनट पर आरती होती है, उसके बाद भजन कीर्तन किया जाता है। उसके बाद भव्य संकट निवारण दरबार लगाया जाता है, जिसमें लोगों पर आए ऊपरी सायों को दूर किया जाता है। इसके उपरांत हर वर्ष दो बार टोला मेहंदीपुर बालाजी धाम लेकर जाया जाता है, जहाँ हर संकटों का निवारण होता है।