अखिलेश यादव जातिगत राजनीति बयान : जाति के मुद्दे को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जोरदार तंज कसा है. सीएम योगी ने प्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता का जिक्र कर पलटवार किया.उत्तर प्रदेश उपचुनाव से पहले यूपी की सियासत जाति पर ठहर गई है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार योगी सरकार पर जाति देखकर कार्रवाई का आरोप लगा रहे हैं तो वहीं अब सीएम योगी ने उनके आरोपों पर करारा जवाब दिया है. सीएम योगी ने कवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता की कुछ पंक्तियों का जिक्र करते हुए उन पर हमला किया है।
उन्होंने कहा कि ‘जाति-जाति का शोर केवल कायर और क्रूर लोग ही करते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए उनकी कविता की कुछ पंक्तियां लिखी जिसे सपा अध्यक्ष पर हमले के तौर पर देखा जा रहा है. सीएम योगी ने लिखा- ‘पाते हैं सम्मान तपोबल से भूतल पर शूर, ‘जाति-जाति’ का शोर मचाते केवल कायर क्रूर।
पाते हैं सम्मान तपोबल से भूतल पर शूर,
'जाति-जाति' का शोर मचाते केवल कायर क्रूर।
भारतीय काव्य जगत के ध्रुवतारे, कालजयी साहित्यकार एवं 'राष्ट्रकवि' रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!
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वीरता, राष्ट्रप्रेम और मानस सेवा को समर्पित आपकी रचनाएं आम जनमानस में… pic.twitter.com/uSRDhBoK1S
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 23, 2024
भारतीय काव्य जगत के ध्रुवतारे, कालजयी साहित्यकार एवं ‘राष्ट्रकवि’ रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! वीरता, राष्ट्रप्रेम और मानस सेवा को समर्पित आपकी रचनाएं आम जनमानस में राष्ट्रीय चेतना के भाव को सदैव जागृत करती रहेंगी। समाजवादी पार्टी ने न सिर्फ पीडीए समाज के लोगों का फेक एनकाउंटर करने का आरोप लगाया है बल्कि ये भी दावा किया जा रहा है कि यूपी में तमाम वरिष्ठ पदों पर मुख्यमंत्री ने स्वजातीय अधिकारियों को तैनात किया है।
यही नहीं सपा लगातार जातीय जनगणना और संविधान के मुद्दे पर भी बीजेपी सरकार को घेर रही है। यूपी में इन दिनों अखिलेश यादव और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच जबरदस्त ज़ुबानी जंग चल रही है. सपा अध्यक्ष लगातार जाति के मुद्दे पर बीजेपी को घेर रहे हैं. पिछले दिनों सुल्तानपुर डकैती के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर को लेकर भी अखिलेश ने जाति देखकर नकली एनकाउंटर का आरोप लगाया था. जिसके बाद दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर देखने को मिला।