खटीमा : उत्तराखंड में तराई पूर्वी डिवीजन में डेढ़ महीने पहले तस्करों ने एक तेंदुए को जहर देकर मौत के घाट उतारा था। लंबे समय तक मामला दबा रहा। लेकिन अब तस्कर एसटीएफ और वन विभाग के हत्थे चढ़ गया। टीम ने मामले में एक आरोपित को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से गुलदार की खाल बरामद कर ली है।
जबकि दूसरे की तलाश की जा रही है। फिलहाल आरोपित से वन विभाग की टीम हल्द्वानी में पूछताछ में जुटी है। ताकि पता चल सके कि सुरई रेंज में किस जगह पर तेंदुए को निशाना बनाया गया था।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार में बढ़ते वन्यजीव जन्तुओं की अवैध तस्करी की रोकथाम के लिए पुलिस विशेष अभियान चला रही है। जिसके तहत एसटीएफ द्वारा वन्यजीव तस्करों की गिरफ्तारी व धरपकड़ की जा रही है।
तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रूद्रपुर के साथ मिलकर संयुक्त कार्यवाही कर आरोपी को गिरफ्तार किया है। जिसके कब्जे से एक लैपर्ड (गुलदार) की खाल बरामद की गयी।
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जिसकी लम्बाई करीब 7 फीट व चैढ़ाई करीब 4 फीट है। टीमा निवासी हीरालाल ने पूछताछ में बताया कि डेढ़ माह पूर्व उसने अपने साथी खड़क के साथ सुरई रेंज में इस तेंदुए को मारा था। लंबे समय तक खाल को छुपाकर रखा। लेकिन अब पुलभट्टा के पास इसे डिलीवरी करने जा रहा था।
पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि बाघ का शिकार करीब 06 माह पूर्व सुरई रेंज खटीमा में फन्दा लगाकर किसी धारदार हथियार से किया गया है ।
चूंकि लैपर्ड (गुलदार) शैड्यूल एक श्रेणी का जानवर है इसलिए अभियुक्त से विस्तृत पूछताछ जारी है।आरोपी की पहचान डाम कोठी शंकर फार्म पुलभट्टा थाना क्षेत्र से एक वन्यजीव तस्कर दीनानाथ पुत्र लक्ष्मण निवासी ग्राम रसफूडा राम्कोला थाना खटीमा के रुप में हुई है।
वहीं, इस घटना को लेकर रेंज स्तर की टीम की गश्त व सुरक्षा व्यवस्था के इंतजामों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।