पंजाब से किसानों का दिल्ली कूच शुरू हो गया है। 12 फरवरी की रात चंडीगढ़ में साढ़े 5 घंटे चली मीटिंग में किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून और कर्ज माफी पर सहमति नहीं बन पाई थी।
किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने कहा- सरकार किसानों की मांगों को लेकर सीरियस नहीं है।
उनके मन में खोट है। वह सिर्फ टाइम पास करना चाहती है। हम सरकार के प्रस्ताव पर विचार करेंगे, लेकिन आंदोलन पर कायम हैं।
उधर, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बातचीत के जरिए सब बातों का हल निकलना चाहिए। कुछ ऐसे मामले हैं, जिन्हें सुलझाने के लिए कमेटी बनाने की जरूरत है।
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आंदोलन को देखते हुए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की बॉर्डर सील हैं। हरियाणा के 7 और राजस्थान के 3 जिलों में इंटरनेट बंद है।
15 जिलों में धारा 144 लागू की गई है। हरियाणा और दिल्ली की सिंघु-टीकरी बॉर्डर, यूपी से जुड़ी गाजीपुर बॉर्डर सील कर दी गई हैं।
दिल्ली में भी कड़ी बैरिकेडिंग है। यहां एक महीने के लिए धारा 144 भी लागू कर दी गई है। भीड़ जुटने और ट्रैक्टर्स की एंट्री पर रोक लगा दी है।
ड्रोन से आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं
पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर एक तरफ ड्रोन से किसानों की निगरानी की जा रही है, वहीं भीड़ दिखने पर ड्रोन से आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं।
इस दौरान एक किसान पर गोला फटा। इससे उनके मुंह और हाथ पर चोट आई।
किसान आंसू गैस के गोलों के नीचे गिरते ही उनके ऊपर गीली बोरियां और मिट्टी डाल रहे हैं, ताकि उनका ज्यादा असर न हो।
शंभू बॉर्डर पर कुछ युवकों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। हालांकि, किसानों का काफिला अभी पीछे ही है।