उत्तराखंड : विधानसभा सत्र आज सोमवार से शुरू हो रहा है. इसके लिए विधानसभा सचिवालय ने भी तैयारी पूरी कर ली हैं. प्रदेश सरकार की ओर से सदन पटल पर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) समेत अन्य विधेयक पेश किए जाएंगे।
उत्तराखंड विधानसभा सत्र आज सोमवार से शुरू हो रहा है. इसके लिए विधानसभा सचिवालय ने भी तैयारी पूरी कर ली हैं।
प्रदेश सरकार की ओर से सदन पटल पर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) समेत अन्य विधेयक पेश किए जाएंगे. उधर, विपक्ष ने भी सदन में सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है।
बता दें कि विपक्ष यूसीसी, सख्त भू-कानून, मूल निवास, उद्यान घोटाला, वन भूमि से पेड़ कटान और कानून व्यवस्था के अलावा बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर हंगामा कर सकता है।
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प्रदेश सरकार की ओर से यूसीसी विधेयक सदन पटल में रखने की तैयारी की जा रही है. ऐसे में पांच से आठ फरवरी तक चलने वाले विधानसभा सत्र के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी. सत्र के लिए विधानसभा सचिवालय को विधायकों से 250 से अधिक प्रश्न मिले हैं।
उत्तराखंड विधानसभा सत्र का आज आगाज होगा. सुबह 11 बजे से सदन कि कार्यवाही शुरू होगी. सत्र के पहले दिन सदन में श्रद्धांजलि दी जाएगी।
दिवंगत विधायक सरबत करीम अंसारी के साथ ही चार अन्य पूर्व विधायकों को भी श्रद्धांजलि दी जाएगी।
सरकार सदन के पटल पर यूसीसी समेत अन्य विधेयक पेश करेगी. 5 से 8 फरवरी तक उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र चलेगा।
ऐसे में धामी कैबिनेट ने यूसीसी को कैबिनेट से मंजूरी दें दी है. और सरकार अब विधानसभा के पटल पर इस बिल को लाने जा रही है।
आज शुरू होने वाले सत्र को यूसीसी और आंदोलनकारियों के आरक्षण के विधेयक को मंजूरी देने के लिए ही बुलाया गया है।
6 फरवरी को UCC का बिल विधानसभा मे टेबल होगा और पास किया जाएगा. कैबिनेट के मंत्री सुबोध उनियाल इसे ऐतिहासिक करार दें रहें है. उनके अनुसार उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा जहां ऐसा होगा।
जहां समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ऋतू खंडूरी का बड़ा बयान आया है कि मैं समान नागरिक संहिता की पक्षधर हूँ उनके अनुसार इस क़ानून की सबसे ज्यादा जरुरत देश की महिलाओ को है, चाहे वो किसी भी जाति की हो उनके अनुसार ये उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है. जों उत्तराखंड को पूरे देश को रोशनी दिखाने का मौका मिल रहा है।
तो वहीं समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष करन महारा ने साफ कहा है कि सरकार ने अभी तक किसी विधायक को क्यों ड्राफ्ट कि कॉपी नहीं सोपी ताकि वो इसको लेकर स्टडी कर सके उनके अनुसार उत्तराखंड को इस मामले मे एक्सपेरिमेंट के लिए क्यों चुना गया. ये बीजेपी बताये क्यों केंद्र सरकार पिछले 10 सालो मे इसे केंद्र मे लागु नहीं कर पाई।