रुड़की: उर्जा निगम के जूनियर इंजीनियर (जेई) सुनील शाह को रुड़की निवासी सुरेंद्र कुमार की शिकायत पर विद्युत चोरी के मामले में चार साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही जुर्माना भी लगा है।
सूत्रों के मुताबित, सुरेंद्र कुमार ने दावा किया था कि सुनील शाह ने उन पर पांच लाख रुपये की बिजली चोरी का आरोप लगाया था और उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने की धमकी दी थी।
उर्जा निगम के जेई सुनील शाह ने सुरेंद्र कुमार से रिश्वत की मांग की थी, जिसे सुरेंद्र ने मानने से इनकार कर दिया था। बाद में विजिलेंस ने उसे रिश्वत लेते पकड़ लिया था और उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
यह फैसला उत्तराखंड के न्यायाधीश अधिकारियों और सामाजिक क्रांति के लिए एक महत्वपूर्ण मामला साबित हो सकता है।
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इससे साफ है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ न्यायपालिका की कड़ी नजर है और कोई भी भ्रष्टाचारी अधिकारी नहीं बचेगा।
इसके अलावा उसने 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग भी की थी। हालांकि, सुरेंद्र कुमार ने रिश्वत देने से इनकार कर दिया था।
जज विजिलेंस अंजलि नौलियाल की अध्यक्षता वाली कोर्ट ने उसे भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत चार साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई।
उर्जा निगम के विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि सुरेंद्र कुमार ने 2010 में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने सुनील शाह के खिलाफ विद्युत चोरी की शिकायत की थी। सुनील शाह तब उर्जा निगम के जेई के पद पर तैनात थे।
रिश्वत की रकम को सुनील शाह ने 10 हजार रुपये कर दिया और सुरेंद्र को अपने दफ्तर बुला लिया।
इस शिकायत पर 21 जुलाई 2010 को विजिलेंस की टीम ने सुनील शाह को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
विजिलेंस ने जांच पूरी कर सुनील शाह के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की।
इस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उसे भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम चार साल कठोर कारावास और कुल 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।