उत्तराखंड ने देशभर में स्वैच्छिक रक्तदान के क्षेत्र में बनाया रिकॉर्ड, 17 सितंबर से 2 अक्तूबर 2023 तक चल रहे आयुष्मान भव अभियान के तहत है, जिसका उद्देश्य स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देना है।
केंद्र सरकार के ई-रक्तकोष पोर्टल पर उत्तराखंड के 1.94 लाख लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान के लिए पंजीकरण किया है।
इसका मतलब है कि राज्य के लोगों ने अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सक्रियता दिखाई है और रक्तदान के माध्यम से दूसरों की मदद करने के लिए तैयार हैं।
यह रिकॉर्ड स्वैच्छिक रक्तदान के लिए उत्तराखंड की जनता के सामर्थ्य और उनके स्वास्थ्य के प्रति सजगता का प्रतीक है।
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राज्य सरकार के इस प्रयास के माध्यम से लोगों को रक्तदान के महत्व को समझाने और दूसरों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सेवा पखवाड़े के दौरान उत्तराखंड ने एक महत्वपूर्ण सामाजिक क्रांति का संकेत दिया है, जिसमें स्वास्थ्य और सामाजिक सहायता के क्षेत्र में जनता की भूमिका महत्वपूर्ण है।
इस अभियान के सफलता से दूसरे राज्यों को भी प्रेरित होने का मौका मिल सकता है और स्वस्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री, ने इस अभियान के महत्व को बताया कि सेवा पखवाड़े के तहत रक्तदान शिविर राजकीय अस्पतालों, वेलनेस सेंटरों, और शिक्षण संस्थानों में आयोजित किए जा रहे हैं, जिनसे अधिक से अधिक लोग रक्तदान कर सकें।
सेवा पखवाड़े के तहत अब तक 654 रक्तदान शिविरों में 29 सितंबर तक 1.08 लाख लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान के लिए ई-रक्तकोष पर पंजीकरण कराया गया था।
इन आँकड़ों से साफ हो जाता है कि लोगों ने इस अभियान को अपनाया है और उन्होंने रक्तदान की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
दो अक्तूबर तक यह आंकड़ा दो लाख पहुंचाने का लक्ष्य है, इसके लिए शिविरों में देहरादून, पिथौरागढ़, नैनीताल, पौड़ी, टिहरी, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, अल्मोड़ा, चमोली, उत्तरकाशी, चंपावत, रुद्रप्रयाग, और बागेश्वर में लोगों ने रक्तदान के लिए पंजीकरण कराया है।