उत्तराखंड: शिक्षा व्यवस्था में एक नई क्रांति की शुरुआत, इस क्रांति का आगाज़ राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने देहरादून विद्यालयी शिक्षा विभाग के “कंटिन्युड लर्निंग एक्सेस प्रोजेक्ट- सीलैप” के शुभारंभ से किया है।
यह प्रोजेक्ट शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल युग की ओर महत्वपूर्ण कदम है जो राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को नई दिशाओं में ले जाने का प्रयास करेगा।
इस सचल ई-लर्निंग वाहन की खासियत इसमें इंटरनेट से जुड़े 120 लैपटॉपों का विनिमयशीलता से उपयोग है।
इन लैपटॉपों में शिक्षा संबंधित सामग्री स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध होगी जो विद्यार्थियों को समझने में सहायक सिद्ध होगी।
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यह पहल विद्यार्थियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड़ों में शिक्षा प्रदान करने का उद्देश्य रखता है, ताकि उन्हें जैसी आवश्यकता हो वैसे मोड पर पढ़ाया जा सके।
वाहन में एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम पर आधारित लर्निंग चैनल, दिशा और ई-पाठशाला उपलब्ध होने से विद्यार्थी विभिन्न विषयों में गहराई से समझ पाएंगे और खुद के रूचिकर्म पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
यह उन्हें सिर्फ पाठ्यक्रम के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ अपने रुचि के क्षेत्र में भी निष्कर्ष लेने का अवसर प्रदान करेगा।
राज्यपाल ने इस मौके पर उद्घाटन भाषण में कहा कि यह नया प्रोजेक्ट छात्रों को न केवल नवाचारी शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करेगा, बल्कि उन्हें आधुनिक तकनीकी उपायों के साथ आत्मनिर्भर भी बनाएगा।
वह इस नई पहल के माध्यम से हर छात्र को नयी तकनीकों की जरुरत के प्रति जागरूक करने का संकल्प भी जताएंगे।
इस परियोजना के साथ, उत्तराखंड सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटलीकरण की ओर महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
यह पहल विद्यार्थियों को अधिक सहयोगपूर्ण और समृद्धि भरी शिक्षा प्रदान करने का एक और तरीका है।
इसके साथ ही यह प्रयास शिक्षा को और भी अधिक विशिष्ट और आकर्षक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो छात्रों को उनकी रुचियों और रूचि क्षेत्रों में समृद्ध करने में मदद करेगा।
इस प्रोजेक्ट के साथ, उत्तराखंड राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में नए दिशानिर्देश तय किए हैं और उसके छात्रों को उनकी शिक्षा में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए सक्रिय उपाय किए हैं।
इस प्रयास के साथ, उत्तराखंड सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नये युग की शुरुआत की है, जो न केवल विद्यार्थियों के भविष्य को बेहतर बनाएगा, बल्कि राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।
इस प्रोजेक्ट के साथ ही, उत्तराखंड ने शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल युग की ओर महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
यह प्रयास न केवल विद्यार्थियों को नवाचारी तरीकों से पढ़ाने के लिए है, बल्कि उन्हें आधुनिक तकनीकी उपायों के साथ आत्मनिर्भर बनाने का भी सशक्त उपाय है।
इससे विद्यार्थी अपनी रुचियों और प्राथमिकताओं के क्षेत्र में समृद्धि भरी शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।
नवाचारी शिक्षा के प्रति प्रोत्साहन
राज्यपाल के इस पहल के माध्यम से विद्यार्थी न केवल शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारी बन सकेंगे, बल्कि उन्हें डिजिटल तकनीकों के प्रति भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
आज के तकनीकी युग में, डिजिटल ज्ञान और कौशल का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस प्रोजेक्ट से विद्यार्थी न केवल अपनी पढ़ाई में सहायता प्राप्त करेंगे, बल्कि वे आने वाले समय में भी तकनीकी उपायों का सही तरीके से उपयोग कर सकेंगे।
नई ऊंचाइयों की ओर प्रगति
यह प्रोजेक्ट उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था में एक नये युग की शुरुआत है। यह पहल न केवल विद्यार्थियों को उनकी शिक्षा में मदद करेगी, बल्कि उन्हें उनकी रुचियों और रूचि क्षेत्रों में भी प्रेरित करेगी।
यह नया प्रयास राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस प्रोजेक्ट के माध्यम से उत्तराखंड राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा स्थापित की है, जो विद्यार्थियों को उनके शिक्षा और रूचि क्षेत्र में अधिक समृद्ध करने का अवसर प्रदान करेगी।
यह प्रयास शिक्षा को न केवल डिजिटलीकरण की ओर बढ़ा रहा है, बल्कि विद्यार्थियों को उनके व्यक्तिगत विकास में भी सहायक होगा।
राज्यपाल द्वारा किए गए इस समर्पित प्रयास से उत्तराखंड राज्य एक उच्चतर शिक्षा प्रणाली की दिशा में अग्रसर हो रहा है, जो विद्यार्थियों के जीवन में नये और स्तर पर प्रेरित करेगा।
संयुक्त श्रम, समृद्धि की राह
उत्तराखंड सरकार का यह प्रयास शिक्षा के क्षेत्र में नये सुधार और सद्गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह प्रोजेक्ट न केवल विद्यार्थियों के जीवन में नये द्वार खोलेगा, बल्कि राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास की राह में भी एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।