प्लास्टिक अब सिर्फ इंसान के ब्लड तक सीमित नहीं बल्कि एक गंभीर समस्या का प्रमुख कारण बन रहा है।
आधुनिक जीवनशैली और उद्योगीकरण के साथ, प्लास्टिक का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में व्यापक रूप से हो रहा है।
जानकारी के अनुसार, प्लास्टिक के कण अब हमारे शरीर में तक पहुंच गए हैं, जिसका परिणाम हमारे स्वास्थ्य पर होने वाले संकेतों में दिख रहा है।
यह मामला पहली बार चीन में सामने आया, जहाँ 15 मरीजों की जांच में खुदरा प्लास्टिक के कण पाए गए।
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मिली जानकारी के अनुसार इन मरीजों की हार्ट सर्जरी की गई थी, जिसके पहले और बाद में उनके ब्लड और हार्ट के टिश्यू सैम्पल लिए गए।
इन सैम्पलों में, माइक्रोप्लास्टिक के कण पाए गए हैं, जिनका आकार बहुत ही छोटा होता है, लेकिन उनके संविदानिक प्रभाव बड़े होते हैं।
इन माइक्रोप्लास्टिक कणों का पता लगाने के लिए विशेषज्ञ टीम ने लेजर और इंफ्रारेड इमेजिंग का उपयोग किया।
इसके परिणामस्वरूप, 9 तरह के प्लास्टिक के कणों की खोज की गई, जिनमें पॉलीप्रोपिलीन, पॉलीएथिलीन, पॉलियुरेथेन आदि शामिल थे।
यह आश्चर्यजनक है कि इन प्लास्टिक कणों को इंसान के दिल तक पहुंचने का तरीका कैसे बनता है, जो कि उनके स्वास्थ्य को हानि पहुंचा सकता है।
माइक्रोप्लास्टिक का खतरा हमारे जीवन के लिए वास्तविक है।
यह समस्या केवल अद्यतन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बढ़ती ही जा रही है।
इसके प्रमुख कारण में उद्योगों और उपयोगकर्ताओं की लापरवाही, और प्लास्टिक सामग्री के असमय तथा गलत तरीके से त्याग का मामूला योगदान है।
यह घातक पर्यावरणीय समस्या न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि यह पूरे पृथ्वी के जीवन को प्रभावित कर रही है।
प्लास्टिक के अवहेलनात्मक व्यवसायिक उत्पादन को रोकने के लिए हमें आवश्यक कदम उठाने होंगे, साथ ही सामाजिक जागरूकता फैलानी होगी।
हमें अपने उपयोग पैटर्न को समीक्षित करके और प्लास्टिक के सही तरीके से त्याग करने के लिए सक्षम होना होगा, ताकि हम और हमारी आने वाली पीढ़ियाँ एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण में जी सकें।