आई फ्लू, जिसे कंटंक्टिवाइटिस भी कहते हैं, एक सामान्य रूप से संक्रामक बीमारी है जो आंखों के लाल होने और अन्य लक्षणों के साथ होती है।
यह बैक्टीरियल या वायरल रूप में हो सकती है और कई बार मौसम के बदलाव या एलर्जी से भी हो सकती है।
आई फ्लू के प्रकार। ।
आई फ्लू के तीन प्रमुख प्रकार होते हैं:- बैक्टीरियल आई फ्लू, वायरल आई फ्लू और एलर्जिक आई फ्लू। इनमें से प्रत्येक का इलाज और बचाव विधि भिन्न है।
बैक्टीरियल आई फ्लू। ।
यह आँख के बैक्टीरिया जैसे की नीजेरियम, स्टेपटोकोकस, या हेमोफिलस इंफ्लुएंजे के संक्रमण से होता है। इसमें आँख लाल और सूजनयुक्त होती है।
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वायरल आई फ्लू। ।
इसमें आँख के वायरस जैसे कि एडेनोवायरस, हेर्पेस वायरस, या ऑप्टिकल न्यूरिटिस के संक्रमण से होता है। इसमें आँखों के लाल होने के साथ सूजन और आंखों से पानी आना भी होता है।
एलर्जिक आई फ्लू। ।
मौसम के बदलाव, धूल या धूल से युक्त वायु और अन्य एलर्जी के कारण भी आँखों में सूजन और लालिमा हो सकती है। यह आँखों को खुजली और चुभन भी प्रदान कर सकता है।
आई फ्लू से बचने के तरीके। ।
हाथों की सफाई: आई फ्लू के इंफेक्शन का प्रसार हाथों के माध्यम से होता है, इसलिए नियमित रूप से हाथ धोने का सुनिश्चित करें। अन्य व्यक्तियों से संपर्क करने के बाद भी हाथ धोना जरूरी है।
सावधानीपूर्वक संपर्क: किसी भी व्यक्ति को आई फ्लू से पीड़ित होने पर उससे दूर रहें और अपने आपको आइसोलेट कर लें। अपनी आंखों को हाथ से ना रगड़ें और विशेष रूप से समय समय पर हाथों को साबुन से धोते रहें।
कॉन्टेक्ट लेंस: आई फ्लू से पीड़ित होने पर कॉन्टेक्ट लेंस का उपयोग बंद कर दें, कम से कम कुछ दिनों तक। इससे इंफेक्शन के फैलाव का खतरा कम होता है।
मौसम के बदलने पर, धूल या धूल से भरी वायु से बचने का प्रयास करें। बाहर के जलवायु को देखते हुए, आंखों को बचाने के लिए चश्मा या गोगल्स का उपयोग करें।
आई फ्लू का इलाज। ।
वायरल आई फ्लू: वायरल आई फ्लू आम तौर पर समय के साथ ठीक हो जाता है। आराम करें, पुरे पानी के गिलास का उपयोग करें और डॉक्टर द्वारा सुझाए गए दवाओं का सेवन करें।
बैक्टीरियल आई फ्लू। ।
बैक्टीरियल आई फ्लू के लिए डॉक्टर द्वारा प्रायः एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही आंखों को ठंडी सिकाई की जाती है।
एलर्जिक आई फ्लू। ।
एलर्जिक आई फ्लू के लिए एंटीहिस्टेमाइन दवाएं और आंखों के लिए आय-ड्रॉप्स का उपयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही, एलर्जी के कारणों से बचने के लिए एयर प्यूरिफायर या एयर ह्यूमिडिफायर का उपयोग कर सकते हैं।
आई फ्लू से बचने की सावधानियाँ।।
- जब भी आपको आंखों में सूजन, जलन या आंखों से पानी आने का अनुभव हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं का उपयोग करें और उनके सलाहों का पालन करें।
- आँखों को अपने हाथों से न रगड़ें और अपने आस-पास वातावरण की सफाई ध्यान से करें।
आई फ्लू एक सामान्य संक्रामक बीमारी है जो आंखों को प्रभावित कर सकती है। यदि आपको इस बीमारी के लक्षण हों तो उम्रदराज की सलाह लेकर उचित उपचार करवाएं।
उपरोक्त सावधानियों का पालन करके आप आई फ्लू से बचने में सक्षम होंगे और इसे सही तरीके से इलाज कर सकते हैं।
अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने से आप न केवल खुद को स्वस्थ रखेंगे, बल्कि अपने परिवार को भी बचा पाएंगे।
आई फ्लू से बचने और इलाज का यह है आसान तरीका, जान लें कैसे ठीक हो सकता है: आई फ्लू
आई फ्लू एक आम संक्रामक बीमारी है जो कि इंफ्लुएंजा वायरस से होती है। यह वायरस आपकी नाक, गले और फेफड़ों को प्रभावित करता है और आपको बुखार, ठण्डी, खांसी, शरीर में दर्द और थकावट जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है।
आई फ्लू से बचने और इलाज के कुछ आसान तरीके। ।
हाथ धोएं और साबुन इस्तेमाल करें: आई फ्लू वायरस आपके हाथों के संपर्क में आने से फैल सकता है। इसलिए नियमित रूप से हाथ धोने और साबुन का उपयोग करने से आप इससे बच सकते हैं।
मास्क पहनें: आपके आस-पास बीमार व्यक्ति हैं या अगर आप खुद बीमार हैं, तो मास्क पहनना अत्यंत महत्वपूर्ण है। मास्क वायरस के फैलने को कम करता है और आपको सुरक्षित रखता है।
स्वच्छता बनाएं रखें: अपने घर और कार्यस्थल की स्वच्छता का ध्यान रखना भी आई फ्लू से बचने में मदद करता है। यह वायरस विभिन्न सतहों पर जीवित रह सकता है, इसलिए नियमित रूप से सफाई करना अनिवार्य है।
स्वस्थ भोजन करें: स्वस्थ और पौष्टिक भोजन खाना आपके शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और आपको आई फ्लू जैसी बीमारियों से बचाने में मदद करता है।
वैक्सीनेशन: आई फ्लू के खिलाफ वैक्सीनेशन एक महत्वपूर्ण तरीका है जिससे आप इस बीमारी से बच सकते हैं।
यह विशेष रूप से बच्चों, बुढ़ापे के व्यक्तियों और अन्य संक्रामक बीमारियों से प्रभावित होने वाले व्यक्तियों के लिए अधिक महत्वपूर्ण है।
इन तरीकों का पालन करके, आप आई फ्लू से बच सकते हैं। लेकिन अगर आपको पहले से ही आई फ्लू के लक्षण दिखने लगे हैं, तो निम्नलिखित उपायों का पालन करें। ।
आराम करें: विश्राम लेना आपके शरीर को बीमारी से लड़ने की शक्ति देता है।
गरम पानी और नमक का गरारा: गरम पानी में नमक मिलाकर गरारा करना गले के लिए लाभकारी होता है और खांसी और जुकाम को कम करता है।
अच्छे पेयजल का सेवन करें: गरम पानी में शहद और नींबू मिलाकर पिने से खांसी और जुकाम में आराम मिलता है।
बेड रेस्ट करें: अपने शरीर को ठीक होने के लिए पर्याप्त आराम देना महत्वपूर्ण है।
यदि आपके लक्षण गंभीर हो रहे हैं या अगर आपको सांस लेने में परेशानी हो रही है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना उचित होगा।
आई फ्लू को ध्यान में रखते हुए और सभी आवश्यक उपायों का पालन करके आप इस बीमारी से बच सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं।