उदया तिथि 29 मार्च को यानी आज है, अत: इस रोज अष्टमी तिथि मनाई जाएगी।
जिसमें कि अष्टमी तिथि 9: 07 पी.एम तक रहेगी।
इसके साथ ही नवमी तिथि 29 मार्च को रात्रि 9:07 से प्रारंभ हो जाएगी और अगले दिन यानी 30 मार्च तक रात्रि 11:08 पी.एम तक रहेगी।
जो जातक नवरात्रि में व्रत व उपवास करते हैं, उनके लिए देवी पूजन करने का विशेष महत्व है।
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नवरात्रों के पूर्ण फल की प्राप्ति अष्टमी व नवमी तिथि पर कन्या पूजन करने के उपरांत प्राप्त होती है।
इस बार 29 मार्च को अष्टमी तिथि रहेगी।
कन्या पूजन करने का शुभ मुहूर्त प्रातः 7 बजे से लेकर दोपहर तीन बजे तक रहेगा।
कन्या पूजन का उचित समय सुबह का ही माना जाता है।
एक दिन पूर्व छोटी कन्याओं को घर पर भोज के लिए आमंत्रित किया जाता है और अगले दिन बड़े ही स्वच्छता और पवित्रता के साथ घर पर भोजन बनाकर छोटी-छोटी कन्याओं का आदर सत्कार किया जाता है।
नवमी तिथि पर संध्या के समय 6:30 से सर्वार्थसिद्धि योग प्रारंभ हो रहा है।
इसके साथ ही ब्रह्म मुहूर्त 5:25 ए.एम पर रहेगा।
कन्या पूजन का समय प्रातः 6:25 से प्रारंभ होकर दोपहर 4:55 तक रहेगा।
कन्या पूजन करने से देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं।
नवग्रह शांत होते हैं, देवी पुराण में ऐसा वर्णित है कि जो भी श्रद्धालु श्रद्धा भाव से छोटी कन्याओं को शक्ति रूप में पूजते हैं।
उनके घर में सदा ही देवी की कृपा बनी रहती है।
व्रत का पुण्य फल पाने के लिए कन्या पूजन करना बड़ा ही सरल व सुगम मार्ग है।
अष्टमी के दिन कंजकों को हलवा, पूरी, चने खिलाएं और बताशे अवश्य दें।
ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
नवमी के दिन कंजकों को हलवा, पूरी, चने खिलाएं और खीर अवश्य दें।
महागौरी और सिद्धिदात्री की कृपा सदैव आप पर बनी रहेगी।