इसके लिए परिवहन विभाग ने एक मोबाइल एप तैयार किया है। यात्रा के पंजीयन के लिए इस एप को पर्यटन विभाग की वेबसाइट से जोड़ने की तैयारी है।
साल 2022 में विसंगति देखने को मिली थी:
फोकस इस बात पर है कि रजिस्ट्रेशन के बाद दर्शन की तारीख और ट्रिप कार्ड की तारीख में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। इस तरह की विसंगति साल 2022 में चारधाम यात्रा में देखने को मिली थी।
इस ऐप में चारधाम के साथ हेमकुंड साहिब और एक अन्य धार्मिक स्थल का विकल्प भी शामिल होगा, ताकि यात्रा के दौरान यदि किसी धाम में दर्शन की तिथि न मिले तो दूसरे धार्मिक स्थल पर जा सकें।
राज्य में हर साल चारधाम यात्रा पर जाने वाले वाहनों के ग्रीन कार्ड बनाए जाते हैं। ग्रीन कार्ड का मतलब है कि वाहनों के दस्तावेज सही हैं और वाहन यात्रा मार्ग पर चलने के लिए पूरी तरह से फिट है।
- Advertisement -
पिछले साल से ग्रीन कार्ड के साथ ट्रिप कार्ड भी जारी किया जा रहा है। यह कार्ड 10 दिनों के लिए जारी किया जाता है। इससे गाड़ी की लोकेशन के बारे में जानकारी हासिल करने में मदद मिलती है।
ऑनलाइन ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड की व्यवस्था की गई:
पिछले साल राज्य सरकार ने यात्रियों का रजिस्ट्रेशन शुरू किया था। यह पंजीकरण पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर किया गया था।
पंजीयन के दौरान तीर्थयात्रियों को उनके जत्थे की कुल संख्या एवं धाम में दर्शन की प्रस्तावित तिथि की जानकारी देने की व्यवस्था की गयी थी. साथ ही यात्रा पर जाने वाले वाहनों के लिए ऑनलाइन ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड की व्यवस्था की गई।
शुरू में यह व्यवस्था ठीक चली, लेकिन जब चारधाम में तीर्थयात्रियों पर नियंत्रण होने लगा तो इस व्यवस्था में दिक्कत आ गई, जिसे इस साल दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
इसी कड़ी में परिवहन विभाग ने एक मोबाइल एप बनाया है। इस ऐप में चारधाम के साथ हेमकुंड साहिब और एक अन्य जगह जाने का विकल्प रखा गया है।
एप को परिवहन एवं पर्यटन विभाग की वेबसाइट से जोड़ा जाएगा:
इस एप को परिवहन एवं पर्यटन विभाग की वेबसाइट से जोड़ा जाएगा, ताकि ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड के इस्तेमाल में किसी तरह की दिक्कत न हो।
इस ऐप की शुरुआती टेस्टिंग हो चुकी है। अब इस ऐप और चारधाम यात्रा को लेकर सचिव परिवहन के साथ बैठक प्रस्तावित है, जहां इस ऐप के नामकरण के साथ ही इसे लॉन्च करने को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा।