जिंक हमारे शरीर में कई अहम कार्य करता है। यह शरीर में सेल्स के विकास डीएनए और प्रोटीन के निर्माण डैमेज टिश्यूज को ठीक करने और स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है।
ऐसे में इसकी कमी होने पर कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
शरीर में जिंक की कमी होने पर कुछ लक्षण नजर आते हैं जिनकी पहचान करना जरूरी है।
हमारे शरीर में मौजूद सभी पोषक तत्व हमें हेल्दी बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। स्वस्थ शरीर के लिए हमारी बॉडी में सभी जरूरी न्यूट्रिएंट्स का होना बेहद जरूरी है।
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जिंक इन्हीं जरूरी पोषक तत्वों में से एक है, जो हमारे शरीर में कई अहम कार्य करता है। यह डीएनए के निर्माण, सेल्स के विकास, प्रोटीन के निर्माण, डैमेज टिश्यूज को ठीक करने और स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है।
ऐसे में शरीर में इसकी कमी कई गंभीर समस्याओं की वजह बन सकती है।
शरीर में जिंक की कमी होने पर कुछ प्रमुख लक्षण नजर आते हैं, जिनकी पहचान कर आप इसकी कमी को दूर कर सकते हैं।
ऐसे में आज इस खबर में हम आपको बताएंगे शरीर में जिंक की कमी होने पर नजर आने वाले कुछ मुख्य लक्षणों के बारे में।
कमजोर इम्युनिटी : जिंक हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में इसकी कमी होने पर इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, जिसकी वजह से व्यक्ति को बार-बार संक्रमण हो सकता है, घाव भरने में देरी हो सकती है और बीमारियों की संभावना बढ़ सकती है।
भूख में कमी : जिंक की कमी के शुरुआती लक्षणों में से एक भूख में कमी है। अगर आपको इन दिनों भूख ज्यादा लग रही है, तो यह जिंक की कमी हो सकती है। ऐसे में अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो इससे वजन घटने और कुपोषण की समस्या हो सकती है।
बालों का झड़ना : जिंक की कमी से बाल पतले हो सकते हैं या काफी हद तक बाल झड़ने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जिंक बालों के पोर्स को स्वस्थ बनाए रखने और बालों के विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है।
त्वचा संबंधी समस्याएं : जिंक की कमी से त्वचा संबंधी विभिन्न समस्याएं जैसे सूखापन, चकत्ते, मुंहासे या यहां तक कि एक्जिमा भी हो सकती हैं। ऐसे में हेल्दी स्किन के लिए शरीर में इसकी कमी को जल्द से जल्द पूरा करें।
खराब कॉग्नेटिव फंक्शन : जिंक न्यूरोट्रांसमीटर फंक्शन में एक भूमिका निभाता है और इसकी कमी कॉग्नेटिव एबिलिटी को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में इसकी कमी होने पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, याद्दाश्त से जुड़ी समस्याएं और मूड में बदलाव शामिल हो सकते हैं।