देहरादून : देवभूमि विकास संस्थान के संरक्षक और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की प्रेरणा से एक महिला ने देहदान का संकल्प लिया है गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले ही नेत्रदान और अंगदान का संकल्प ले चुके हैं।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की उपस्थिति में पूर्व अध्यापिका मंजू लता रावत द्वारा देहदान का संकल्प लिया है।
उन्होंने आज मकर संक्रांति के पावन अवसर पर दधीची देहदान समिति (रजि.) देहरादून के माध्यम से देहदान का पुनीत संकल्प लिया है।
श्रीमती मंजू लता रावत ,मनोहर सिंह रावत की धर्मपत्नी हैं जो अध्यक्ष-चंद्र कुंवर बर्त्वाल शोध संस्थान देहरादून, वरिष्ठ संरक्षक- भारतीय शिक्षण मंडल उत्तराखंड एवं वरिष्ठ न्यासी-शिवनाथ संस्कृत महाविद्यालय देहरादून हैं।
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श्रीमती मंजु लता इस अवसर पर नर सेवा नारायण सेवा के भाव को प्रकट किया है।
उन्होंने खुशी-खुशी देहदान का संकल्प लिया, उन्होंने बतौर शिक्षक इसे सनातन धर्म का महान विचार बताया है।
इस श्रेष्ठ सोच के लिए पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुजुर्ग दंपति को शॉल एवं अयोध्या धाम की चुनरी ओड़कर उनका सम्मान किया।
गौरतलब है कि देवभूमि विकास संस्थान निरंतर समाज सेवा के कार्य करती रहती है।
जिसमें वृक्षारोपण, रक्तदान, नदियों का पुनर्जीविकरण, स्वच्छता अभियान से लेकर नेत्रदान, अंगदान व देहदान के संकल्प से लोगों को जागरूक कर रही है।
इस अवसर पर मनोहर सिंह रावत के बेटा बहु भी उपस्थित रहे।
उनकी बहु ने भी देहदान को अच्छा कदम बताते हुई भविष्य में स्वयं भी इसका संकल्प लेने के लिए इच्छा जताई, फिलहाल उनके द्वारा पूर्व में ही नेत्रदान का संकल्प ले लिया गया है।
पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस अवसर पर परिवार को इस पुनीत कार्य के लिए आगे आने के लिए शुभकामनाएँ दीं।
साथ ही उन्होंने सभी से नेत्रदान, अंगदान और देहदान का संकल्प लेने का भी आह्वान किया।
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा की मृत्यु के पश्चात नश्वर शरीर को पंचतत्वों में मिलना है इसलिए जाते-जाते भी नेत्रदान, अंगदान और देहदान करके कुछ लोगों के जीवन में नए रंग और खुशियां भरना मानवता का कार्य है।
पहले हम स्वयं से ऐसे कार्य के लिए संकल्पित होना बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा मैंने स्वयं अपनी दोनों पुत्रियों के साथ मिलकर नेत्रदान, अंगदान का संकल्प लिया है।
पूर्व सीएम ने दधीची देहदान समिति को भी इस पुनीत कार्य को निरंतर आगे बढ़ाने के लिए शुभकामनाएँ दीं।