कुछ समय पहले वैज्ञानिक ने गगनयान का मॉडल लोगों के सामने प्रदर्शित करते हुए बताया था कि यह आकार में असली गगनयान के बराबर है। वहीं इस गगनयान की यात्रा करने वाले तीन भारतीय वायु सैनिकों की एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग बेंगलुरु के ह्यूमन स्पेस फ्लाइट सेंटर में हुई थी। ये तो आप जानते ही हैं कि एस्ट्रोनॉट्स वहां भी खाएंगे, पिएंगे, सोएंगे और टॉयलेट भी जाएंगे। इसके लिए गगनयान में सारी सुविधाओं की व्यवस्था की गई तो टॉयलेट का भी ख़ास अरेंजमेंट किया गया जिसका सिस्टम जानकर आपको जानकर आश्चर्य होगा।
जी हां, गगनयान में टॉयलेट की भी विशेष व्यवस्था की गई है। गगनयान में बनाया गया टॉयलेट भी नासा के स्पेस स्टेशन में मौजूद टॉयलेट से कम भी नहीं है। ISRO ने अपने इस टॉयलेट को वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम नाम दिया है। इस टॉयलेट में गगन नोट्स बिना किसी दिक्कत के सुसु-पॉटी कर सकते हैं । अब आप सोच रहे होंगे आखिर गगनयान का यह टॉयलेट आम टॉयलेटों से अलग क्यों है? तो आपको बता दें स्पेस में सुसु और पॉटी करना आसान काम नहीं है।
जैसा कि ये सभी जानते हैं की स्पेस में ग्रेविटी न होने के कारण सभी चीजें तैरने लगती हैं। ठीक वैसे हीं शरीर से निकलने वाला मल भी तैरने लगता है। साथ ही अगर आपके शरीर से फोर्स के साथ मल निकलता है तो आपकी बॉडी भी वैक्यूम में ऊपर की ओर उड़ सकती है। इसलिए इस टॉयलेट में सीट के अगल-बगल रीस्ट्रेन्स लगे हैं। इसे गगन नोट्स अपनी जांघों में फंसा कर रखते हैं या फि इसे पकड़कर रखते हैं।
इसके साथ ही पैरों को फंसाने के लिए बी नीचे की तरफ फुट रीस्ट्रेन लगाया गया है जिसमें पैर फंसाकर बैठा जा सके। इस टॉयलेट में एक सक्शन ट्यूब लगा हुआ है जिसके ऊपर एक कोन लगा है, ये पेशाब करने के लिए बनाई गई है। तस्वीर में आप देख सकते हैं, इसके ठीक पीछे एक सफेद रंग की सीट बनी है जिसमें एक छेद बना हुआ है, इसका इस्तेमाल पॉटी के लिए किया जाएगा। ये तो बात हो गई की इसका इस्तेमाल कैसे किया जाएगा। अब आपको बताते हैं कि यूरीन और मल कहां जाएगा? तो आपको बता दें, गगनयान के टॉयलेट में पेशाब के लिए 10 लीटर और मल के लिए 15 लीटर की टंकी लगी होगी, जिसमें पेशाब और मल स्टोर होगा। मगर आपको बता दें इस टॉयलेट में एक ऐसा सिस्टम भी है जो यूरिन से बद्बू निकाल देगा और साथ ही मल से सारा पानी निकाल कर उसे सुखाकर स्टोर करेगा।