GoogleAppleConflict : Google और Apple को संचार साथी से दिक्कत क्या है? : – स्मार्टफोन बनाने वाली दिग्गज कंपनियां एप्पल और गूगल (GoogleAppleConflict ), ‘संचार साथी’ ऐप को फोन में अनिवार्य रूप से पहले ही इंस्टॉल करने के सरकारी आदेश से खुश नहीं हैं। कंपनियां ऐतराज जता रहीं हैं। इन कंपनियों ने यूजर की गोपनीयता और सिस्टम की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है। दोनों कंपनियां इस ऐप को लोगों तक पहुंचाने के लिए कोई ऐसा तरीका निकालना चाहती हैं जो कम दखल देने वाला हो और फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ छेड़छाड़ न करे।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक इन कंपनियों का दुनिया में कहीं भी सरकारी ऐप को फोन में पहले से लोड करके देने का कोई इतिहास नहीं रहा है। इस आदेश को लागू करने के लिए उन्हें भारत के लिए खास तौर पर अपने ऑपरेटिंग सिस्टम iOS और Android में बदलाव करने होंगे, जो उनके लिए बड़ी चुनौती है। सैमसंग अभी अपने विकल्पों पर विचार कर रहा है और उसने कोई फैसला नहीं लिया है।
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ऑपरेटिंग सिस्टम में बदलाव
गूगल को इस आदेश का पालन करने के लिए खास भारत के लिए ‘एंड्रॉइड’ का एक अलग वर्जन बनाना होगा, जो कंपनी को मंजूर नहीं है। वहीं, एप्पल की पॉलिसी है कि वह अपने आईफोन में किसी थर्ड-पार्टी सॉफ्टवेयर को पहले से लोड नहीं करता।
दूसरे देश भी बना सकते हैं दबाव
कंपनियों को डर है कि अगर उन्होंने भारत सरकार की यह बात मान ली तो यह एक उदाहरण बन जाएगा और दुनिया के दूसरे देश भी अपने सरकारी ऐप इंस्टॉल करने की मांग करने लगेंगे। हाल ही में रूस ने भी कंपनियों को एक सरकारी मैसेजिंग ऐप इंस्टॉल करने का निर्देश दिया था।विपक्षी नेताओं और सामाजिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि ऐप को अनिवार्य करना लोगों की ‘सहमति और पसंद’ के सिद्धांत के खिलाफ है। उन्हें डर है कि भविष्य में ‘फंक्शनल क्रीपिंग’ के जरिए इस ऐप का दायरा बढ़ाकर इसका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है।
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संचार साथी पोर्टल मई 2023 में हुआ शुरू
इसके जरिए लोग खोया हुआ मोबाइल ब्लॉक करवा सकते हैं, धोखाधड़ी वाली वेबसाइट या लिंक की शिकायत कर सकते हैं, अपने नाम पर कितने सिम सक्रिय हैं यह पता कर सकते हैं और बैंकों के असली कस्टमर केयर नंबर चेक कर सकते हैं।अधिकारी ने बताया कि अभी लोग धोखाधड़ी या फोन चोरी की शिकायत करने के लिए वेबसाइट पर जाते हैं, जिसमें काफी समय लग जाता है। ऐप होने से शिकायत करना बहुत आसान और तेज़ हो जाएगा। खास बात यह है कि ऐप में शिकायत करने के लिए फोन पर OTP नहीं आएगा, जिससे समय बचेगा। क्योंकि धोखाधड़ी के मामलों में कुछ सेकंड भी बहुत मायने रखते हैं।

