जबकि जिस स्थान पर शव है वह रास्ता भी काफी खतरनाक था।
हेली से ही शव को लाया जाना था।
हेली की अनुमति के लिए जिला आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा वायुसेना से संपर्क किया जा रहा था।
लेकिन हेली उपलब्ध न होने से शव वहीं ट्रैक पर पड़ा रहा।
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आखिरकार बुधवार सुबह वायु सेना का चीता हेलीकॉप्टर के सहयोग से जिला आपदा प्रबंधन विभाग की टीम ने शव को निकालने में सफलता हासिल की।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवार ने बताया कि चार पोर्टर की संयुक्त् टीम ने इस घटना में गत 10 अक्टूबर को घायल ट्रैकर विक्रम मजूमदार को रेस्क्यू टीम उसी दिन केदारनाथ लाने में सफल रही।
शव को जाने के लिए हेलीकाप्टर की अनुमति के लिए लगातार संपर्क किया जा रहा था।
शव को पैदल लाया जाना संभव नहीं था। बताया कि शव का जिला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम किया जाएगा, घरवालों को इसकी सूचना दे दी गई है।
बंगाल का एक ट्रैकिंग दल रांसी से होते हुए महापंथ -केदारनाथ के लिए गत 2 अक्टूबर को रवाना हुआ था।
इसमें कुल 10 सदस्य शामिल थे। 8 सदस्य सुरक्षित केदारनाथ धाम पहुंच गए हैं।
जबकि दो सदस्य केदारनाथ से लगभग 6 किलोमीटर दूरी पर फंसे गए थे।
इसमें एक ट्रैकर की मौत हो गई थी।