उनके शहीद होने की सूचना मिलते ही कुनीगाड़ सहित पूरे गैरसैंण क्षेत्र में शोक की लहर छा गई है।
हालांकि रुचिन के माता-पिता और दादा-दादी को अभी उनके शहीद होने की खबर नहीं है।
गांव के लोगों का कहना है कि रुचिन के भाई को इसकी सूचना दे दी है वही परिजनों को बताएगा।
रुचिन रावत (30) 2009-10 में सेना में भर्ती हुए थे।
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रुचिन के चाचा सुरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि शहीद की पत्नी और बेटा जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में ही रहते हैं।
उसकी पत्नी ने ही गैरसैंण में अपने माता-पिता को पति के शहीद होने की सूचना दी।
भरापूरा परिवार पीछे छोड़ गए रुचिन:
रुचिन अपने पीछे दादा-दादी, माता-पिता, पत्नी और एक चार साल के बेटे को रोता बिलखता छोड़ गए हैं।
रुचिन की पत्नी और बेटा उनके साथ जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में ही रहते हैं।
रावत ने बताया कि रुचिन काफी हंसमुख स्वभाव का था।
वे जब छुट्टी में गांव आते थे तो सामाजिक कार्यों में खूब बढ़-चढ़कर भाग लेते थे।
गैरसैंण एसडीएम कमलेश मेहता ने बताया कि आधिकारिक रूप से अभी इस संबंध में कोई सूचना प्राप्त नहीं है हुई।
लेकिन क्षेत्र में कुनीगाड़ गांव के रुचिन सिंह रावत के शहीद होने की बात प्रकाश में आई है।