बगैर इजाज़त महिला की फोटो विज्ञापन में इस्तेमाल पड़ा भारी : एक महिला की फोटो एक फोटोग्राफर को खींच कर वेबसाइट पर डालना भारी पड़ गया है। हाईकोर्ट ने इसके बाद उस महिला की तस्वीर यूज़ करने पर कई राज्यों को नोटिस थमा दिया और बॉम्बे हाईकोर्ट ने महिला की तस्वीर को उसकी इजाजत के बगैर सरकारी विज्ञापनों में व्यावसायिक शोषण और अवैध उपयोग करने की निंदा की है. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और चार राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है. नम्रता अंकुश कावले नाम की महिला ने इसके खिलाफ याचिका दायर की है.बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महिला की तस्वीर को उसकी इजाजत के बगैर सरकारी विज्ञापनों में व्यावसायिक शोषण और अवैध उपयोग करने की निंदा की है।
कोर्ट ने केंद्र और चार राज्य सरकारों को नोटिस भेजा
नम्रता अंकुश कावले नाम की महिला ने इसके खिलाफ याचिका दायर की है. याचिका में उन्होंने कहा कि एक परिचित फोटोग्राफर ने उनकी तस्वीर खींची और बिना उनकी सहमति और जानकारी के शटरस्टॉक डॉट कॉम वेबसाइट पर अपलोड कर दी.महिला का आरोप है कि तब से इस तस्वीर का महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और ओडिशा की राज्य सरकारों और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और कुछ निजी संस्थाओं द्वारा उनकी वेबसाइटों, होर्डिंग्स और अन्य विज्ञापनों में अनधिकृत रूप से इस तस्वीर का इस्तेमाल किया जा रहा है।
‘याचिका में उठाए गए मुद्दे काफी गंभीर’
जस्टिस जीएस कुलकर्णी और जज अद्वैत सेठना की बेंच ने महिला की याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने केंद्र, 4 राज्य सरकारों और अमेरिकी कंपनी शटरस्टॉक सहित सभी प्रतिवादियों से मामले में हलफनामा दाखिल करने को कहा है. हाईकोर्ट ने 10 मार्च को अपने आदेश में कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दे काफी गंभीर हैं, खासतौर से इलेक्ट्रॉनिक युग और सोशल मीडिया के मौजूदा समय को देखते हुए प्रथम दृष्टया यह याचिकाकर्ता की तस्वीर का व्यावसायिक शोषण प्रतीत होता है।
कोर्ट ने जारी किया नोटिस
हाई कोर्ट ने चार राज्यों (महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और ओडिशा) की सरकारों और रॉयल्टी-मुक्त स्टॉक फोटो (व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए लाइसेंस प्राप्त तस्वीरें) जारी करने वाली वेबसाइट की संचालक कंपनी शटरस्टॉक को नोटिस जारी किए है. इसके साथ ही कोर्ट ने कांग्रेस की तेलंगाना इकाई, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और एक निजी संस्था टोटल डेंटल केयर प्राइवेट लिमिटेड को भी नोटिस जारी किए, जिन्होंने याचिकाकर्ता की इजाजत के बगैर उसकी तस्वीर का इस्तेमाल किया था ।
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24 मार्च को होगी अगली सुनवाई
हाईकोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 मार्च की तारीख तय की. कोर्ट का कहना है कि वर्तमान मामला विभिन्न राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों द्वारा महिला की तस्वीर के अनधिकृत उपयोग के गंभीर मुद्दे को उजागर करता है।
महिला ने अपनी याचिका में दावा किया है कि सरकारों और निजी संस्थाओं द्वारा उसकी तस्वीर का इस तरह अवैध इस्तेमाल करना उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. याचिकार्ता ने कोर्ट से प्रतिवादियों को अपनी वेबसाइट, सोशल मीडिया अकाउंट, विज्ञापनों और प्रचार सामग्री में उसकी तस्वीर का इस्तेमाल स्थायी रूप से बंद करने का निर्देश देने की मांग की है।