राज्य के सरकारी कार्यालय, सभागार, और मैदानों का आम जनता के लिए एक नई और महत्वपूर्ण पहल के तहत उपयोग करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है।
इस नई पहल के अनुसार, लोग एक निर्दिष्ट शुल्क देकर इन सार्वजनिक संपत्तिओं का उपयोग कर सकेंगे। इस अहम घोषणा को वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने गुरुवार को किया।
उत्तराखंड सरकार ने सरकारी कार्यालय, सभागार, मैदानों का आम लोगों के लिए उपयोग करने के लिए नई पहल शुरू की है।
इस पहल के अंतर्गत, आम लोगों को शुल्क देकर सार्वजनिक संपत्तिओं का उपयोग करने की अनुमति होगी।
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यह निर्णय कैबिनेट बैठक में लिया गया था और वित्त सचिव ने इसे प्राधिकृत किया है।
केवल राजभवन, सीएम कार्यालय, विधानसभा, न्यायालय, सचिवालय और पुलिस और आवश्यक सेवाओं से संबंधित स्थान इस योजना से बाहर होंगे।
जिलों में एक समिति गठित की जाएगी जिसके अध्यक्ष डीएम होंगे और वह शुल्क और अन्य व्यवस्थाओं को निर्धारित करेंगे।
सकारात्मक और सामाजिक गतिविधियों को ही इस संपत्ति का उपयोग करने की अनुमति होगी, राजनीतिक गतिविधियों के लिए इसका उपयोग नहीं किया जाएगा।
उत्तराखंड राज्य की जनता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो सरकार की प्रतिबद्धता को प्रकट करता है कि वह अपने नागरिकों के लिए उनके सार्वजनिक और सामाजिक जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है।
सरकारी संपत्तिओं का उपयोग करने का अधिक व्यापक और सहयोगी तरीका दिया जा रहा है, जिससे लोगों को सरकार की सेवाओं और संपत्तिओं का उपयोग करने का अधिक अधिकार मिलेगा।
इस नई योजना के अनुसार, लोग एक निर्दिष्ट शुल्क देकर सरकारी कार्यालयों, सभागारों और मैदानों का उपयोग कर सकेंगे।
इससे सरकार को आपके द्वारा दिए गए शुल्क का आय प्राप्त होगा, जिसे फिर से विकास और सामाजिक कल्याण के लिए उपयोग किया जा सकता है।
उत्तराखंड सरकार की इस महत्वपूर्ण पहल ने आम लोगों के लिए सरकारी संपत्तिओं का उपयोग करने के अधिकार को मजबूत किया है।
यह सामाजिक और आर्थिक समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और उत्तराखंड की जनता के लिए एक नई सुबह की शुरुआत का संकेत है।
सरकार और जनता के बीच साथ मिलकर समृद्धि और सामाजिक समृद्धि की ओर एक कदम और बढ़ा रही हैं। यह नई योजना सरकारी संपत्तिओं का उपयोग करने के तरीकों को सुधारने और उन्हें लोगों के लिए और भी पहुंचयोग्य बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।