10 दिन पहले अमेरिका के पेनसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमला हुआ था।
20 वर्षीय हमलावर द्वारा चलाई गई गोली ट्रंप के दाहिने कान को फाड़ते हुए आर-पार हो गई थी।
इस घटना में दर्शकदीर्घा में बैठे एक शख्स की मौत हो गई थी और अन्य घायल हुए थे।
इस सनसनीखेज घटना के बाद यूएस सीक्रेट सर्विस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे।
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मंगलवार को य़ूएस सीक्रेट सर्विस के चीफ किंबरली चीटल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने स्वीकार किया कि वे ट्रंप को सुरक्षा देने में नाकाम रहे।
सूत्रों के मुताबिक,, मंगलवार को अमेरिकी सीक्रेट सर्विस की निदेशक किंबरली चीटल ने इस्तीफा दे दिया है।
एक दिन पहले उन्होंने स्वीकार किया था कि अमेरिका की सबसे तेज सुरक्षा एजेंसी डोनाल्ड ट्रम्प की हत्या के प्रयास को रोकने के अपने मिशन में विफल रही।
बता दें कि 13 जुलाई को जानलेवा हमले में ट्रंप बाल-बाल बच गए थे।
इस घटना का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें देखा जा सकता था कि ट्रंप ने ऐन वक्त पर गर्दन घुमा दी और गोली उनके सिर के बजाय दाहिने कान पर जाकर लगी।
इस घटना के तुरंत बाद सुरक्षा कर्मियों ने हमलावर को वहीं ढेर कर दिया था और ट्रंप को घेरते हुए कार तक ले गए और फिर अस्पताल में ट्रंप का इलाज किया गया।
एक दिन पहले सीक्रेट सर्विस चीफ चीटल ने सुनवाई के दौरान कहा था कि वे 13 जुलाई को नाकाम रहे।
और डोनाल्ड ट्रंप को सुरक्षा नहीं दे सके। चीटल ने कहा कि ट्रम्प पर हमला सीक्रेट सर्विस की दशकों में पाई सफलता पर सबसे बड़ा दाग है।
बता दें कि रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों पार्टियों ने चीटल से इस्तीफा देने की मांग की थी।
उधर, चीटल ने जांचों का हवाला देते हुए हमले के बारे में विशिष्ट विवरण देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद दोनों दलों के सांसद उनके बयान से भड़ गए थे।
अमेरिका की सीक्रेट सर्विस 1865 में शुरू की गई थी। इसने तब ट्रेजरी डिपार्टमेंट की शाखा के तौर पर काम शुरू किया।
उस वक्त इसका इकलौता काम जाली करेंसी रोकने औ डॉलर को बचाना था। 1901 में तत्कालीन राष्ट्रपति विलियम मैकिनले की न्यूयॉर्क में हत्या कर दी गई।
इसके बाद वाइट हाउस ने सीक्रेट सर्विस के लिए नाम काम निर्धारित किया और फिर यह सीक्रेट सर्विस राष्ट्रपति, पूर्व राष्ट्रपतियों की सुरक्षा का जिम्मा संभालने लगी।