उत्तराखंड : धामी सरकार ने यात्रा से जुड़े सभी विभागों के सचिवों को ग्राउंड जीरो पर उतार दिया है। जब तक केदारनाथ धाम यात्रा को फिर से सुचारू नहीं किया जाता है, ये सचिव वहीं डटे रहेंगे।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में बीते दिनों आई आपदा के बाद से ही राहत और बचाव का कार्य जारी है।
सरकार, शासन और प्रशासन की तरफ से पूरी कोशिश की जा रही है कि केदारनाथ यात्रा को दोबारा जल्द से जल्द शुरू किया जाए।
सोमवार को 1401 लोगों का रेस्क्यू किया गया। जिसमें एमआई-17, चिनूक सहित अन्य हेलिकॉप्टर से 645, पैदल मार्ग से 584 और भीमबली-लिनचोली-चौमासी मार्ग से 172 यात्री व स्थानीय लोगों को निकाला गया।
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अभी तक 11,775 श्रद्धालुओं को निकाला जा चुका है। केदारनाथ से 274 श्रद्धालुओं को एयरलिफ्ट किया गया है।
लिंचौली और भीमबली से 2,918 लोगों को एयरलिफ्ट किया जा चुका है।
लिंचौली और भीमबली से पैदल 739 लोगों का रेस्क्यू हुआ है। गौरीकुंड से सोनप्रयाग पैदल मार्ग से 7,769 लोगों का रेस्क्यू हो चुका है। चीड़बासा से 75 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है। 50 श्रद्धालु ऐसे हैं जो अपने मन से रुके हुए हैं।
वहीं, रेस्क्यू कार्य में लगी एसडीआरएफ की टीम ने केदारनाथ पैदल मार्ग पर पांच किमी क्षेत्र में ड्रोन से सर्च अभियान चलाया।
अभियान के दौरान लिंचोली से एसडीआरएफ की टीम को पत्थर के नीचे हरियाणा के एक यात्री का शव बरामद हुआ।
सोमवार को मिले शव की पहचान गौतम (28) पुत्र संजय, निवासी जगाधरी, यमुनानगर हरियाणा के रूप में की गई। इससे पूर्व तीन शव मिल चुके हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग का रेस्क्यू अभियान लगभग संपन्न हो गया है।
देश भर के बड़ी संख्या में फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला जा चुका है। हेलीकॉप्टर के जरिए भी रेस्क्यू किया गया है।
राज्य हेलीकॉप्टर के साथ ही चिनूक और एमआई 17 हेलीकॉप्टरों के जरिए रेस्क्यू किया गया।
ऐसे में अब राज्य सरकार का फोकस है कि जो सड़क, पेयजल लाइन, विद्युत लाइन समेत अन्य चीजें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, उनको जल्द से जल्द ठीक किया जाए और केदारनाथ धाम की यात्रा को सुचारू किया जाए।