दिल्ली : आज लोगों की ही नहीं दुनियाभर की नजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ऊपर टिकी हुई है, सबको उत्सुकता है कि ED के सामने पेश होने के बाद अरविंद केजरीवाल के साथ क्या होगा ?
क्या अरविंद केजरीवाल ईडी के ऑफिस से वापस आएंगे ? अथवा दिल्ली के सीएम को जेल जाना पड़ेगा ?
आपको बता दें कि दिल्ली में हुए शराब घोटोले के मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को बृहस्पतिवार (आज) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) के सामने पेश होना है।
ईडी मुख्यालय पर अरविंद केजरीवाल की पेशी दोपहर में 11 बजे होगी। ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन भेजकर दिल्ली में शराब घोटाले में पूछताछ के लिए बुलाया है।
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इस पेशी को लेकर चारों तरफ एक ही सवाल पूछा जा रहा है कि क्या दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी गिरफ्तार करके जेल भेज देगी अथवा वें बच जाएंगे।
यह सवाल इसलिए अधिक अहम है, क्योंकि ईडी पूछताछ के लिए बुलाकर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया तथा आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सीधे जेल भेज चुकी है।
संजय सिंह व मनीष सिसौदिया अभी जेल में ही बंद हैं। दोनों को ही अरविंद केजरीवाल का खास माना जाता है।
मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के नियम यहां यह भी जानना जरुरी है कि क्या कि भारतीय संविधान व कानून में पद पर रहते हुए किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किए जाने का प्रावधान है ?
क्या किसी मुख्यमंत्री को पुलिस अथवा कोई जांच एजेंसी गिरफ्तार कर सकती है? इन सवालों का जवाब हां है।
दरअसल, भारतीय संविधान व कानून में किसी भी सिविल केस में मुख्यमंत्री को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है किंतु क्रिमनल केस में गिरफ्तार करने का प्रावधान है।
अपराधिक मामले में भारत के महामहिम राष्ट्रपति व किसी प्रदेश के गर्वनर को छोड़कर हर किसी को गिरफ्तार करने की व्यवस्था भारतीय संविधान व कानून में मौजूद है।
दिल्ली के शराब घोटाले में ईडी ने अपराधिक केस दर्ज कर रखा है। इस कारण दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी में कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है।
गिरफ्तारी के बाद उनकी गिरफ्तारी की सूचना विधानसभा अध्यक्ष को दी जानी जरूरी है।
पहले भी हो चुकी है मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी आपको बता दें कि यदि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया जाता है तो यह भारत में पद पर रहते हुए किसी मुख्यमंत्री की पहली गिरफ्तारी नहीं होगी।
इससे पूर्व तमिलनाडु की तत्कालीक मुख्यमंत्री जयललिता मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए गिरफ्तार करके जेल भेजी जा चुकी है।
जयललिता (अब दिवंगत) को 7 दिसंबर 1996 को मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए गिरफ्तार किया गया था।
उनके ऊपर तमिलनाडु में कलर टीवी खरीद घोटाले का आरोप था। उस गिरफ्तारी के बाद जयललिता का राजनीतिक कैरियर बर्बाद हो गया था।